इंग्‍लैंड में लगातार कोविड-19 मामलों में उछाल, फिर भी भारत के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज के लिए इस बात पर अड़ा ईसीबी

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लंदन: ईसीबी के मुख्य कार्यकारी टॉम हैरीसन ने गुरूवार को कहा कि भारत और इंग्लैंड के बीच चार अगस्त से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज से पहले दोनों टीमों में कोरोना संक्रमण के मामले पाए जाने के बावजूद कड़ा बायो बबल नहीं बनाया जायेगा।

डरहम में अभ्यास मैच से पहले भारतीय टीम में कोरोना संक्रमण के दो मामले पाये गए। वहीं इंग्लैंड को पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में दूसरे दर्जे की टीम उतारनी पड़ी क्योंकि उसके कई प्रमुख खिलाड़ी श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में पॉजिटिव पाये गए थे। ब्रिटेन में बुधवार को कोरोना संक्रमण के 42000 से अधिक मामले पाये गए।

हैरीसन ने कहा, ‘कोरोना से निपटने के मामले में छह महीने या साल भर पहले से अब हालात अलग हैं। हम इसके साथ जीना सीख रहे हैं। लोगों के लिये बायो बबल की बजाय सुरक्षित माहौल तैयार कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ी बायो बबल से आजिज आ चुके हैं। इससे खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। हमें कोरोना से निपटना सीखना होगा। निकट भविष्य में इसके साथ ही जीना है। हम प्रोटोकॉल का पूरा पालन करेंगे।’

14 जुलाई को यूके में 43,302 कंफर्म मामले मिले थे। इसके अलावा 7 जुलाई तक 520,000 लोगों को एनएचएस ने ट्रैक एंड ट्रेस ऐप से पाया कि वह कोविड-19 पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आए। ऐसे मामले में पॉजिटिव लोगों के करीब आने वालों को 10 दिन का आइसोलेट होना है। 

इंग्‍लैंड में पिछले कुछ सप्‍ताह में कोविड-19 मामले तेजी से बढ़े हैं जबकि देश में पाबंदियों को लेकर राहत है। लगातार कोविड-19 मामले बढ़ने के बावजूद हैरिसन ने कहा कि इंग्‍लैंड के खिलाड़‍ियों की भलाई का मतलब है कि ईसीबी पिछली गर्मियों वाली सख्‍त बायो-सुरक्षित बबल व्‍यवस्‍था को दोबारा लागू नहीं करेगा, जिससे उनके घूमने और आजादी पर पाबंदी लगी थी।

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