दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशियों के नाम की घोषणा के बाद चुनाव परिदृश्य पूरी तरह से साफ हो गया है। इंदौर जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर इस बार सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा। कहीं भी त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनती नजर नहीं आ रही। घोषित प्रत्याशियों में से कई ने नामांकन फार्म भले ही जमा नहीं किया, लेकिन वे प्रचार में जुट गए हैं। ये प्रत्याशी रोजाना 12 से 13 घंटे जनसंपर्क कर रहे हैं। इंदौर जिले में तीन ग्रामीण सीटें महू, देपालपुर और सांवेर हैं, जबकि राऊ विधानसभा मिश्रित सीट है।
इन प्रत्याशियों के लिए ग्रामीण विधानसभा सीटों की सड़कें नापना आसान नहीं है। देपालपुर विधानसभा में सबसे ज्यादा 211 गांव शामिल हैं तो राऊ विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 60 गांव। सांवेर विधानसभा क्षेत्र में 128 गांव हैं तो महू विधानसभा क्षेत्र में 177 गांव। भौगोलिक परिस्थितियों को देखें तो सांवेर विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करना अन्य ग्रामीण सीटों के मुकाबले आसान है।
वहीं महू विधानसभा क्षेत्र में प्रचार सबसे मुश्किल। महू विधानसभा क्षेत्र में 50 से ज्यादा गांव पहाडियों पर बसे हैं। प्रत्याशियों के लिए इन ग्रामीण इलाकों तक पहुंचकर मतदाताओं से सीधा संपर्क करना आसान नहीं है। यहीं वजह है कि प्रत्याशी ग्रामीण इलाकों तक पहुंचने के लिए सुबह के वक्त प्रचार पर निकल रहे हैं। दोपहर में वे मैदानी इलाके में और शाम के वक्त शहर के आसपास के गांवों में वक्त दे रहे हैं।