कांग्रेस ने कलेक्टर इलैया राजा टी पर संगीन आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि कलेक्टर इंदौर विधानसभा क्षेत्र एक के एक मतदान केंद्र पर शत प्रतिशत मतदान का दावा कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता ऐसी नहीं है। इस केंद्र पर शत प्रतिशत नहीं बल्कि 78 प्रतिशत मतदान हुआ था।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट प्रमोद द्विवेदी ने इस संबंध में दस्तावेजों के साथ शिकायत की है। द्विवेदी ने सवाल उठाए हैं कि मतदान केंद्र से निर्वाचन कार्यालय पहुंचते-पहुंचते क्या आंकड़े बदल जाते हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी संजय शुक्ला के पास उनकी ओर से नियुक्त पोलिंग एजेंट को मतदान कराने वाले अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र भी है।
इसमें स्पष्ट लिखा है कि कितने पुरुष और कितनी महिलाओं ने इस मतदान केंद्र पर मतदान किया था। द्विवेदी ने यह सवाल भी उठाया है कि क्या यह प्रमाण पत्र गलत है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने नामांकन फार्म में आपराधिक मामले की जानकारी नहीं दी थी। इसकी शिकायत करने के बावजूद बगैर किसी वैधानिक प्रक्रिया को अपनाए आपत्ति निराकृत कैसे कर दी गई।
तीन पेज की शिकायत में द्विवेदी ने कहा है कि गोमटगिरी पहाड़ी विवाद गुर्जर समाज और गोमटगिरी मंदिर समिति के बीच था। कलेक्टर बताए कि उन्होंने विजयवर्गीय के कहने पर इंदौर के रेसीडेंसी कोठी पर बैठक कैसे बुलवाई और समझोता हो गया है ऐसा भ्रामक समाचार क्यों जारी करवाया जबकि विजयवर्गीय किसी संवैधानिक पद पर नहीं थे, तो फिर उनके कहने पर बैठक कैसे आयोजित की गई थी।
मतदान से रोका गया
कांग्रेस ने जिला प्रशासन पर कर्मचारियों को मतदान से रोकने का आरोप भी लगाया है। द्विवेदी ने बताया कि कलेक्टर ने कई कर्मचारियों को बगैर किसी वजह से कलेक्टर कार्यालय में रोके रखा। इस वजह से ये कर्मचारी मतदान नहीं कर सके। कलेक्टर को बताना चाहिए कि आखिर किस नियम के तहत कर्मचारियों को रोका गया था।