दो साल बाद एक बार फिर मध्यक्षेत्र में रंगपंचमी का उल्लास मंगलवार सुबह से छा गया। लोग मस्ती के रंग में रंगे नजर आए। शहर में सुबह प्रभातफेरी गेर निकाली गई, जो राजवाड़ा पहुंची। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। हर तरफ रंग-गुलाल उड़ता नजर आया। गेर में शामिल होने के लिए शहर के कोने-कोने से लोग राजवाड़ा पर जुटने शुरू हो गए थे।

नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल के निर्देश पर अपर आयुक्त स्वच्छ भारत मिशन संदीप सोनी के निर्देशन में राजवाड़ा क्षेत्र की सफाई का लिया गया चैलेंज। संदीप सोनी ने बताया कि समय पर राजवाड़ा की सफाई पूरी कर ली गई।
रंग पंचमी के गेर निकलने के तत्काल बाद नगर निगम द्वारा गेर मार्ग की साफ-सफाई की गई। 10 स्वीपिंग मशीनें और 700 सफाई कर्मचारी लगा कर गेर मार्ग की साफसफाई की गई। दोपहर 3:10 राजवाड़ा क्षेत्र में सफाई करने उतरे और 4:15 पर राजवाड़ा क्षेत्र पूरा चकाचक हो गया।
मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी अखिलेश उपाध्याय की देखरेख में राजवाड़ा क्षेत्र में चार सीएसआई और लगभग 200 सफाई मित्रों ने मात्र 25 मिनट में राजवाड़ा और उसके आसपास की सड़कों की सफाई कर दी। लगभग 10 डंपर जूते चप्पल और कचरा इस क्षेत्र से निकला। स्वास्थ्य विभाग के अपर आयुक्त संदीप सोनी भी पूरे समय रहे मौजूद।
सुबह गोमती देवी व्यायामशाला द्वारा प्रभातफेरी गेर निकाली गई। इसमें जेलरोड खातीपुरा क्षेत्र की महिला मंडल और पुरुष बड़ी संख्या में शामिल हुए। गेर के दौरान महिला-पुरुष रंग-गुलाल उड़ाते चल रहे थे। सुबह करीब 10.35 बजे राजवाड़ा पर पहली गेर मारल क्लब की पहुंची। यह गेर जनरल विपिन रावत को समर्पित रही। इसमें ट्रैक्टरों की लंबी कतार थी, जिन पर रखी कोठियों से रंगों की बौछार हो रही थी। रंगभरे गुब्बारे लोगों पर फेंके जा रहे थे। शहर के हर कोने से राजवाड़ा पर लोग जुट रहे थे।
राजवाड़ा पर जुटने लगे लोग – सुबह 10 से दोपहर 2.30 बजे तक रंगों के उल्लास के उत्सव में साक्षी बनने के लिए करीब चार लाख से अधिक रंग प्रेमी जुटे। सुबह से ही राजवाड़ा पर लोग आना शुरू हो गए थे। यहां वृंदावन का प्रेम मंदिर और बरसाना की लट्ठमार होली भी नजर आई। गेर में शामिल होने अहमदाबाद, मुंबई, वडोदरा, हैदराबाद से भी लोग आए। कोरोना के चलते वर्ष 2020 व 2021 में गेर नहीं निकली थी। इस बार निर्माणधीन सड़क के कारण टोरी कार्नर की गेर नहीं निकली।

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गूंजे भारत माता के जयकारे – हिंदरक्षक संगठन की राधा कृष्ण फाग यात्रा 12.30 बजे राजवाड़ा पहुंची। इसमें लोग यात्रा के आगे भगवा ध्वज लेकर चल रहे हैं। भारत माता के जयघोष भी लगा रहे थे। राजवाड़ा पर बैरेकेडिंग होने के कारण लोगों को परेशानी आई, वहां भीड़ बढ़ने के कारण धक्का-मुक्की भी हुई।
रीगल तरफ से आने वाले वाहनों को रोका – राजवाड़ा पर अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण पुलिस ने रीगल तिराहे तरफ से आने वाले वाहनों को गांधी हॉल तरफ से रोक दिया। यहां वाहनों पर सवार होकर हुड़दंग करने वाले लोगों की गाड़ियों की हवा भी निकाली जा रही थी।
अधिकारी रख रहे नजर – राजवाड़ा स्थित इमारत से प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी गेर पर नजर रखे हुए थे। कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल और अन्य पुलिस अधिकारी गेर और लोगों पर नजर रख रहे थे।
सबसे लंबा संगम कार्नर का रूट
संगम कार्नर चल समारोह समिति की गेर संगम कार्नर मल्हारगंज चौराहे से निकली। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भगवान कृष्ण की वेश-भूषा शामिल हुए। इसमें 45 वाहन आठ हजार किलो गुलाल और 2500 किलो सतरंगी फूल उड़ाते चले। समिति के अध्यक्ष कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि आयोजन का 68वां वर्ष था। मथुरा से आ रही महिलाओं की टीम ने राजवाड़ा पर बरसाना की लट्ठमार होली खेली। संगम कार्नर के गेर मार्ग की लंबाई सबसे अधिक साढ़े चार किलोमीटर की रही।
रसिया कार्नर की गेर में 30 वाहन
रसिया कार्नर नवयुवक मित्र मंडल की गेर ओल्ड राजमोहल्ला से निकली। इसमें ट्राले, ट्रैक्टर, रनगाड़ों की कतार थी। इसमें डीजे पर थिरकते हुए युवा शामिल हुए। करीब कतारबद्ध होकर 30 वाहन चले। इसमें 1100 किलो गुलाल उड़ाया गया। साथ ही 500 किलो फूल का उपयोग भी किया गया। इस दौरान पोहा और ठंडाई का वितरण किया गया। गेर कैलाश मार्ग, इतवारिया बाजार, सीतला माता बाजार, गोराकुंड चौराहा होते हुए राजवाड़ा पहुंची। संयोजक राजपाल जोशी के अनुसार इसमें सात हजार लोग शामिल हुए।

मारल क्लब मिसाइलों से बरसाया रंग
मारल क्लब की गेर छीपाबाखल से निकाली गई। इसमें 400 किलो गुलाल का उपयोग किया गया। इसके अलावा मिसाइलों से रंगीन कागज की कतरन उड़ाई गई। इस बार तीन गाड़ियों में तीन की बजाए 6 मिसाइलों से रंग बरसाया गया। साथ ही 50 ढोल वाले भी रहे। 35 हजार लीटर क्षमता वाले टैंकर से पानी की बौछार की गई। आयोजक अभिमन्यु मिश्रा के अनुसार गेर में 25 गाड़ियां थी। आयोजन का यह 49वां वर्ष है।