इंदौर। कालोनाइजर के धोखे के शिकार लोग किस तरह होते हैं, इसका ताजा उदाहरण सैटेलाइट वैली कालोनी है। यहां के भूखंड और घर बेचकर कालोनाइजर करोड़ों रुपये कमा चुका है, लेकिन रहवासियों की सुविधा पर ध्यान नहीं दे रहा है। कालोनी में बिजली कनेक्शन ही नहीं है, रहवासियों को व्यावसायिक बिजली लेकर अपने घरों को रोशन करना पड़ रहा है। ड्रेनेज और बाउंड्रीवाल के काम भी नहीं किए। प्रशासन के अधिकारियों ने भी हद कर दी। कालोनी के विकास के लिए 128 भूखंड बंधक रखे गए थे, लेकिन 2010 में तत्कालीन एसडीएम ने कालोनी को अनापत्ति प्रमाणपत्र देकर भूखंड मुक्त कर दिए। शहर के तेजाजी नगर क्षेत्र के मिर्जापुर गांव में स्थित इस कालोनी के रहवासी लंबे समय से परेशान हैं। कालोनी भूमाफिया अरुण डागरिया की है।
कुछ अन्य कालोनियों में भूखंडधारकों से धोखाधड़ी के मामले में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था और उसे जेल भेजा गया था। कुछ समय पहले ही वह जेल से छूटकर आया है। मंगलवार को यहां के कई रहवासी कलेक्टर कार्यालय की जनसुनवाई में शिकायत लेकर पहुंचे।
कोरोना की सैंपलिंग टीम के डाक्टरों को नहीं मिला वेतन : शहर और जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर सैंपलिंग टीम में काम करने वाले दंत चिकित्सकों को 31 दिसंबर 2020 को काम से बंद कर दिया। पर उनको नवंबर और दिसंबर दो महीने का वेतन अब तक नहीं दिया गया है। दंत चिकित्सक डा. सिद्धांत खरे, डा. नितिन दास, डा. ज्योति सूर्यवंशी, डा. रीना सोनी सहित कई चिकित्सकों ने इसकी शिकायत जनसुनवाई में की। चिकित्सकों का कहना है कि लंबित वेतन को लेकर हमने सीएमएचओ डा. पूर्णिमा गाडरिया को कई बार बताया, लेकिन हर उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द मिल जाएगी।