व्यास पीठ से कथा वाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा राधा रानी पर की गई टिप्पणी को लेकर संत समाज के साथ-साथ लोगों में काफी ज्यादा आक्रोश देखा जा रहा है। इस विवादित टिप्पणी को लेकर इंदौर में गुरुवार शाम प्रदीप मिश्रा के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की और उनका पुतला जलाया। लोग यहीं नहीं रुके फिर उन्होंने प्रदीप मिश्रा के पोस्टर कालिख भी पोत दी। लोगों का कहना है कि व्यास पीठ से इस तरह के बातें कहकर राधा रानी के बारे में टिप्पणी करना बिल्कुल गलत है। कथा वाचक प्रदीप मिश्रा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
दरअसल, प्रदीप मिश्रा ने एक कथा के दौरान व्यास पीठ से लोगों से पूछा था कि राधा जी कहां की रहने वाली हैं तो लोगों ने कहा था बरसाना की। जिस पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था राधा जी बरसाना की नहीं रावल गांव की रहने वाली हैं और बरसाने में राधा जी के पिताजी की कचहरी थी। वो साल में एक बार इस कचहरी में जाती थीं। इसलिए उसका नाम बरसाना है यानी बरस में एक बार आना। इसके अलावा प्रदीप मिश्रा ने ये भी कहा था कि कृष्ण की पत्नियों में भी राधा का नाम नहीं है। उनके पति का नाम अनय घोष है। उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी की शादी छात्रा गांव में हुई थी।
प्रदीप मिश्रा के इस टिप्पणी के बाद संत प्रेमानंद महाराज ने जमकर आक्रोश जताया था। वे सोमवार को दिए प्रवचन में गुस्से में तमतमाते हुए संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि चार श्लोक पढ़ लिए और प्रवक्ता बन गए। इसके बाद उन्होंने कहा कि कभी बैठे हैं संतों के चरणों में, कभी महापुरुष के चरण में बैठते तो यह असभ्य भाषा तुम्हारी वाणी से नहीं निकलती। संत प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि जो हमारी राधा रानी लाडली जी के बारे में एक बात नहीं जानता, उसे बोलने का कोई अधिकार नहीं। इस तरह की विवादित टिप्पणी करने वाले लोगों को नर्क में जाने से कोई भी नहीं बचा सकता। इसके बाद लोग भी आक्रोशित हो गए हैं।