मायल नगरी उकवा में उस वक्त हंगामा मच गया जब खदान में काम कर रहे मजदूरों ने तेंदुए की दहाड़ ने की आवाज सुन ली। बार-बार आ रही दहाड़ की आवाज सुनते ही मजदूर इधर से उधर भागने लगे वही जैसे ही इसकी जानकारी अन्य मजदूरों, माइन मेट, सहित अन्य अधिकारियों कर्मचारियों को लगी तो खदान में हड़कंप मच गया और चारों ओर चीख-पुकार मच गई ।
इसी बीच अधिकारियों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग और पशु प्रेमियों को दी जहां मौके पर पहुंचे वन विभाग की टीम,पशु प्रेमियों, मायल के अधिकारियों कर्मचारियों व मजदूरों ने मिलकर सर्चिंग अभियान चलाया जिसमें वन्य कर्मियों को तेंदुए के पदचिन्ह तो मिले लेकिन तेंदुआ कहीं पर भी नजर नहीं आया।
खनिज नगरी के नाम से विख्यात उकवा मॉयल जो पूरे तरफ घने जंगल से घिरा हुआ है, जहा आए दिन जंगली जानवर आना जाना करते है, कभी हिरण या अन्य जीवों का दिखना आम बात है, लेकिन मंगलवार को उकवा मॉयल के अंडर ग्राउंड में उस समय दहशत का माहौल निर्मित हो गया जब उकवा खान के केज के अंदर कार्यरत मजदूरों ने काम करते समय खदान के अंदर वन्य प्राणी के दहाड़ने की आवाज सुनी ,जिसे सुन कर पहले तो मजदूरों ने अनसुनी कर दिया परंतु फिर बाद में लगातार खदान के सुने एरिया से बार बार आवाज आने पर सभी मजदूर दहशत में आकर इसकी सूचना प्रबंधन को दी, खदान के अंदर प्रवेश कर पूरे खदान की तलाशी ली ,जहा तेंदुए के पैरों के निशान भी मिले परंतु समय पा कर शायद तेंदुआ उक्त स्थल से चला गया,जिसे कई घंटो तक उकवा वन विभाग के दल ने तलाश किया,पूरे वन विभाग के दल ने अन्दर ग्राउंड खदान के अंदर एक एक कोने की तलास की ओर अथक परिश्रम किया,वही संभावित वन्य प्राणियों के आवागमन एरिया को पूर्णत सील कर मार्ग को बंद कर कुछ दिनो के लिए उक्त एरिया में लोगो की आवाजाही को पूरी तरह से स्थगित कर दिया है।












































