भैरव अष्टमी पर उज्जैन के कालभैरव मंदिर में मध्यरात्रि 12 बजे भगवान को 111 पकवानों का महाभोग लगाकर जन्म आरती होगी। रविवार को शहर में कालभैरव, बम बटुक भैरव और आताल-पाताल भैरव मंदि से सवारी निकलेगी। कोरोना संक्रमण को लगाए गए प्रतिबंध हटाए जाने के बाद इस वर्ष उज्जैन में परंपरागत मार्ग पर सवारी निकलेगी। शनिवार रात 10:30 बजे से ही काल भैरव मंदिर में भैरव सहस्त्र नामावली का पाठ कर पूजा और अभिषेक किया जाएगा। सिंधिया शाही पगड़ी से काल भैरव का श्रृंगार होगा। रात12 बजे भगवान को 111 पकवानों का भोग लगाकर काल भैरव की जन्म आरती होगी। महाकाल के सेनापति काल भैरव के मंदिर को आज आकर्षक रोशनी और फूलों से सजाया गया है।
रविवार शाम 4 बजे शुरू होगा महाकाल के सेनापति का उज्जैन भ्रमण
बाबा कालभैरव की सवारी रविवार शाम 4 बजे कालभैरव मंदिर से निकलेगी। इससे पहले कलेक्टर आशीष सिंह मंदिर के सभा भवन में भगवान कालभैरव के चांदी के मुख की पूजा कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए भेजेंगे, कालभैरव मंदिर से शुरू होकर सवारी सेंट्रल जेल भैरवगढ़ पहुंचेगी। यहां जेल अधीक्षक द्वारा पालकी की पूजा की जाएगी। इसके बाद सवारी जेल तिराहा से भैरवगढ़ नाका, महेंद्र मार्ग, मानक चौक होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के सिद्धवत घाट पहुंचेगी, जहां पुजारी भगवान कालभैरव, सिद्धवट और शिप्रा जी की पूजा-अर्चना करेंगे. पूजा के बाद सवारी फिर से कालभैरव मंदिर के लिए रवाना होगी। सवारी के फिर से कालभैरव मंदिर पहुंचने के बाद भगवान की पूजा की जाएगी।