उज्जैन में एक इंजीनियर ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसका शव उज्जैन-नागदा बायपास के चिंतामन ब्रिज पर मंगलवार सुबह फंदे पर लाश लटकती मिली। पुलिस के मुताबिक, इंजीनियर मुंबई में अडाणी ग्रुप में इंजीनियर था। लॉकडाउन में उसकी नौकरी चली गई। वह अपने घर उज्जैन आ गया था। नौकरी जाने की वजह से वह परेशान था।
CSP पल्लवी शुक्ला ने बताया कि उज्जैन की पॉश कॉलोनी विवेकानंद नगर निवासी संजय कुमार पाराशर (51 साल) मुंबई में अडाणी ग्रुप में इंजीनियर थे। नौकरी जाने के बाद से वह उज्जैन में घर पर ही थे और परेशान रहते थे। मंगलवार को उनकी लाश चिंतामन ब्रिज पर लटकती मिली।

जेब से मिला अधार कार्ड।
चिंतामण थाने के ASI राधेश्याम भंवर ने बताया कि संजय की लाश नई रस्सी से ब्रिज के पिलर से लटकी थी। एक बाइक भी पिलर के पास खड़ी थी। आधार कार्ड में संजय का पता मुंबई लिखा है। गाड़ी में नंबर उज्जैन का है। संजय के दो बेटे हैं। दोनों पढ़ाई कर रहे हैं।
उधर, पुलिस इस केस में आत्महत्या के अलावा दूसरे एंगल पर भी जांच कर रही है। दरअसल, संजय ने अगर आत्महत्या की तो इतनी दूर ब्रिज पर आने की जरूरत क्यों पड़ी। दूसरा, कोई सुसाइड नोट भी पुलिस को नहीं मिला है।