उत्तराखंड की त्रिशूल चोटी पर कल एक हादसे में नौसेना के पांच अधिकारी लापता हो गए थे। आज उनमें से चार के शव मिल चुके हैं। इनकी पहचान लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और हरिओम हरिओम एमसीपीओ के रूप में हुई है। पांचवे अधिकारी की तलाश अभी जारी है। त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में आए नौसेना के पांच पर्वतारोहियों में से चार के शव आज बरामद कर लिए गए। अभी नौसेना का एक पर्वतारोही और पोर्टर लापता है। शनिवार सुबह ही रेस्क्यू आपरेशन से जुड़ी हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास) की पांच सदस्यीय टीम त्रिशूल पर्वत पर साढ़े पांच हजार मीटर ऊंचाई वाले इलाके में पहुंच गई। रविवार सुबह यह टीम रेकी में दिखे पर्वतारोहियों को रेस्क्यू करने के लिए आगे बढ़ेगी। हवास को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रेस्क्यू आपरेशन की विशेषज्ञता हासिल है। शुक्रवार सुबह करीब 6700 मीटर की ऊंचाई के आसपास दल के पांच सदस्य और एक पोर्टर एवलांच की चपेट में आ गए।
इस पर बाकी सदस्य अभियान रोक कर वापस कैंप में लौट आए। लापता सदस्यों की खोजबीन के लिए शुक्रवार दोपहर बाद से रेस्क्यू चल रहा है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास), वायुसेना, थलसेना और एसडीआरएफ संयुक्त रूप से इसमें जुटे हैं। 3 सितंबर को मुंबई से नौसेना का 20 सदस्यीय दल त्रिशूल पर्वत की चोटी आरोहण करने के लिए रवाना हुआ। 7120 मीटर ऊंची यह चोटी उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में है।