‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर रोक जारी,

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Film Udaipur Files: ‘उदयपुर फाइल्स’ नामक एक फिल्म बनी है, जिसकी रिलीज़ पर रोक लगाने की माँग ज़ोर पकड़ रही है. मुस्लिम समाज और मुस्लिम संगठन इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं और ‘उदयपुर फाइल्स’ को मुस्लिम विरोधी प्रोपेगेंडा का हिस्सा बता रहे हैं. इस फिल्म पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. 

दरअसल, वर्ष 2022 में राजस्थान के उदयपुर में दर्ज़ी कन्हैया लाल की हत्या मुस्लिम समुदाय के दो व्यक्तियों ने कर दी थी. मुल्ज़िमों की माने तो उन्होंने यह हत्या इसलिए की क्योंकि कन्हैया लाल ने पैगंबर मोहम्मद (स.) का अपमान करने वाली नूपुर शर्मा के समर्थन में व्हाट्सएप स्टेटस लगाया था. अब इस घटना पर ‘उदयपुर फाइल्स’ नाम से एक फिल्म बनी है, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. दिल्ली हाई कोर्ट के जरिए इस फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने के बाद फिल्म निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई, लेकिन निर्माताओं को एक बार फिर निराशा हाथ लगी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोई निर्देश नहीं दिया है. यानी फिलहाल इस फिल्म की रिलीज़ पर रोक जारी रहेगी.

इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की रिलीज़ पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया. साथ ही कोर्ट ने कहा कि सरकार के जरिए गठित पैनल को इस फिल्म पर जल्द फैसला लेना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कहा है कि यह तय करना कि कौन सी फिल्म रिलीज़ होनी चाहिए और कौन सी नहीं, यह कोर्ट का नहीं बल्कि सरकार का काम है.

इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाला बागची की बेंच कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर एक पैनल का गठन किया गया है, और हमें यह देखना होगा कि स्क्रीनिंग के बाद केंद्र सरकार इस फिल्म के संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट में क्या कहती है. अगर सरकार यह कहती है कि फिल्म में कुछ हटाने योग्य सामग्री है, तो उस पर ध्यान दिया जाएगा, और यदि सरकार कहती है कि फिल्म में ऐसी कोई सामग्री नहीं है, तो उसे भी ध्यानपूर्वक देखा जाएगा.

गौरतलब है कि इस फिल्म के खिलाफ मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में माँग की गई थी कि इस फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाई जाए, क्योंकि यह फिल्म मुस्लिम समाज के खिलाफ है. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगा दी और केंद्र सरकार को एक पैनल गठित करने का निर्देश दिया था. यह पैनल फिल्म को देखकर तय करेगा कि किसी हिस्से को हटाने की आवश्यकता है या नहीं ।

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