उधर लाखो रू की लागत से बनाया गया धोबीघाट इधर मोती तालाब में कपड़े धोकर फैलाई जा रही गंदगी

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नगर के एकमात्र दर्शनीय व प्राकृतिक स्थल मोती तालाब को प्रदूषण व गदंगी से बचाने, और धोबीघाट से होने वाली गदंगी को दूर करने के लिए करीब 10 वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर श्री बोरिकर और नगरीय प्रशासन ने सुरभि नगर में लाखो रू खर्च कर धोबीघाट का निर्माण करवाया था,लेकिन लाखो रू खर्च करने के बाद भी सुरभि नगर में बनाए गए इस धोबी घाट में कपड़ो की धुलाई नहीं की जा रही है।जिसके चलते सुरभि नगर का धोबीघाट, उपयोग हीन बना हुआ है। जहा नया घाट बनाकर नगरपालिका ने जहा एक ओर जनता के टैक्स की भी बर्बादी की है। तो वहीं दूसरी ओर पिछले कई वर्षो से मोती तालाब में ही कपड़े धुलाई का कार्य जारी है। जिससे मोती तालाब का पानी लगातार प्रदूषित हो रहा है। जिसपर अब तक जिम्मेदारों का कोई ध्यान नही है।

आपको बताएं कि मोती तालाब से धोबी घाट हटाने और वहां जल प्रदूषण को रोकने के लिए करीब 8 /9वर्ष पूर्व तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष रमेश रंगलानी के कार्यकाल में मोती तालाब के नीचे सुरभि नगर में लाखों रुपए खर्च कर नए धोबी घाट का निर्माण कराया गया था। जहां भरपूर पानी की व्यवस्था के लिए करीब 12 टाकियों का निर्माण कर, पानी निकासी की व्यवस्था सहित अन्य इंतजाम किए गए थे। वहीं पानी की सप्लाई के लिए घाट के समीप ही बोरिंग भी खुदवाया गया था। इन सब कार्य के लिए नपा को लाखों रुपए का खर्च आया था।, लेकिन व्यवस्थाओं के अभाव में धीरे-धीरे यह कार्य भी बंद कर दिया गया और लाखों रुपए खर्च कर बनाई गई यह व्यवस्था फिर से पुराने ढर्रे पर आ गई। जिसके चलते पूर्व की तरह मोती तालाब में कपड़ों की धुलाई का कार्य फिर से शुरू हो गया।जो अब भी जारी है।

मोती तालाब के जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए नगरीय प्रशासन ने लाखो रू खर्च कर पक्का व मजबूत धोबीघाट बनाया है।सुरभि नगर में बनाए गए इस घाट में कपड़ो की धुलाई के लिए नगरीय प्रशासन ने करीब 12 टाकियो का निर्माण किया है,और उन 12 टाकियो के निर्माण के बाद भी वहां पर उपयुक्त व्यवस्था नहीं की गई है। वहां पर न तो बाउंड्रीवाल की व्यवस्था है और ना ही मोती तालाब धोबीघाट जैसे पानी की,और ना हीं घाट में कपड़े सुखाने के इंतेजाम किए गए है।इसके अलावा बनाई गई टाकियो में पानी भरने के भी कोई इंतेजाम नही किए गए है। यदि इन टाकियो में पानी भरने या इस घाट मे कपड़े धोने के लिए लोग मशीन का उपयोग करते है तो ऐसी स्थिति में मशीन के चोरी होने का खतरा बना हुआ है।इसके अलावा धोबी घाट तक पहुच मार्ग और घाट परिसर में धूप और पानी से बचने के लिए शेड तक का निर्माण नही कराया गया है।शायद यही वजह है कि कपड़े धोने के व्यवसाय से जुड़े लोग सुरभि नगर के इस घाट में कपड़े धोने से परहेज कर रहे है।और पिछले कई सालों की तरह मोती तालाब घाट का उपयोग कपड़े धुलाई के लिए किया जा रहा है।वही सुरभि नगर स्थित घाट का उपयोग नहीं होने से इस घाट में विरानी छाई हुई है।

वह इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान मुख्य नगरपालिका अधिकारी देवेंद्र मर्सकोले ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है, कर्मचारी भेज कर मामले का संज्ञान लिया जाएगा. वही जो उचित होगा उस आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।

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