समूचे विपक्ष को एकजुट करने की कवायद करने वाली टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने गुरुवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने का फैसला किया है, जिसमें सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ हैं। चुनाव 6 अगस्त को होने वाला है, जिसमें कांग्रेस की दिग्गज नेता मार्गरेट अल्वा, जगदीप धनखड़ को चुनौती देंगी। जब ममता बनर्जी ने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने के लिए अपने प्रतिनिधि को विपक्ष की बैठक के लिए नहीं भेजा था। तभी टीएमसी की तरफ से यह एक स्पष्ट संकेत था कि इस मामले पर टीएमसी एक अलग रास्ते पर जा सकती है। विपक्षी दलों की ओर से मार्गरेट अल्वा ने अपना नामांकन दाखिल किया। लेकिन ममता की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई और न ही उनकी पार्टी से कोई भी नामांकन कार्यक्रम में शामिल हुआ। तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही कहा था कि ममता बनर्जी ने 21 जुलाई को एक बैठक बुलाई थी। जहां वह इस मुद्दे पर चर्चा करेंगी और पार्टी के रुख की घोषणा करेंगी।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को नामित करने से पहले हमारी सहमति नहीं ली गई थी। ममता बनर्जी ने सभी सांसदों के सलाह से फैसला किया है कि टीएमसी एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का समर्थन नहीं करेगी। आज की बैठक में शामिल हुए 85 प्रतिशत सांसदों ने कहा कि जिस तरह विपक्ष ने टीएमसी से चर्चा किए बिना अपना उम्मीदवार तय किया है। हम विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे। विपक्ष ने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर हमसे सलाह नहीं ली।
तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि टीएमसी भाजपा के लिए एक विश्वसनीय चुनौती के रूप में अपनी पहचान स्थापित करना चाहती है। टीएमसी, कांग्रेस को भी साथ लाना चाहती है। लेकिन कांग्रेस, टीएमसी का और पूरे विपक्ष का मनोबल गिरा रही है। ममता बनर्जी ने दिल्ली के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके लिए उन्हें एक यूनाइटेड विपक्ष की जरूरत है। टीएमसी सूत्रों का कहना है कि वह उस दिशा में काम करेंगी। तृणमूल के उपराष्ट्रपति चुनाव से अलग रहने के फैसले की पहले ही लेफ्ट और कांग्रेस ने आलोचना की है। राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी कहना है कि दूर रहकर टीएमसी ने एक बार फिर यह दिखाने की कोशिश की है कि वह एक महत्वपूर्ण विपक्षी पार्टी है और उसे उचित सम्मान नहीं मिलने पर वह साथ नहीं चलेगी।