एंग्जायटी डिसआर्डर में उपयोगी दवा 10 से अधिक बीमारियों में प्रभावी, शोध से हुआ खुलासा

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 एंग्जायटी डिसआर्डर में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली होम्योपैथी दवा काली फास (फास्फोरिकम) 10 से अधिक अन्य बीमारियों में भी प्रभावी है। भोपाल स्थित प्रदेश में एकमात्र सरकारी होम्योपैथी कालेज में एक वर्ष तक 40 रोगियों में किए गए शोध में यह जानकारी सामने आई है।

प्रभाव का अध्ययन शोध के क्षेत्र में निर्धारित पैमाने से किया गया। होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका विभाग से एमडी अंतिम वर्ष में अध्ययन कर रहीं डा. सुमीता मंगल ने विभाग की प्रोफेसर डा. शोभना शुक्ला के मार्गदर्शन में यह शोध किया। यह रिसर्च इंटरनेशनल जर्नल आफ होम्योपेथिक साइंसेस में प्रकाशित भी हो चुका है, जो होम्योपैथी का सबसे महत्वपूर्ण जर्नल माना जाता है।

इन पर हुआ शोध

शोध के दौरान काली फास की विभिन्न पावर (ताकत या क्षमता) की चार-चार गोलियां तीन दिनों तक एवं तकलीफ के अनुरूप दी गईं। इसमें कई ऐसे रोगी भी शामिल थे जो लंबे समय से इन बीमारियों से परेशान थे। शोध के परिणाम प्रभावित न हों, इसलिए उन्हीं रोगियों को इसमें शामिल किया गया, जिन्हें दूसरी बीमारियां नहीं थीं और न ही कोई अन्य दवा चल रही थी। डा. सुमीता ने बताया कि उपचार के लिए आने वाले हर तीसरे-चौथे रोगी को यह दवा दी जाती है। अभी इसे एंग्जायटी डिसआर्डर यानी चिंता, इसके कारण होने वाली अनिद्रा, तनाव और थकान की समस्या होने पर दिया जाता है।

ऐसे किया शोध

डा. सुमीता मंगल ने 15 से 80 वर्ष तक के रोगियों पर यह शोध किया, जिसमें महिला-पुरुष दोनों शामिल थे। यह वे रोगी थे जिन्हें दूसरी बीमारियां नहीं थीं और न ही किसी पैथी की दवा चल रही थी। काली फास दवा देने के बाद उन्हें निर्धारित अवधि में तीन बार बुलाकर दवाओं के प्रभाव के बारे में जानकारी एकत्र कर विश्लेषण किया गया। रोगियों में दवाओं का प्रभाव चार श्रेणियों में मापा गया। उल्लेखनीय, मध्यम, मामूली और नगण्य। इनमें 15 प्रतिशत को उल्लेखनीय, 32.5 प्रतिशत को मध्यम, 40 प्रतिशत को मामूली और 12.5 प्रतिशत को कोई लाभ नहीं हुआ।

इन बीमारियों में भी प्रभावी है दवा

अनिद्रा, सिरदर्द, कमजोरी, कमर व पीठ दर्द, माइ्रग्रेन, हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड, फिशर, कब्जियत, बाल झड़ना, दांतों का दर्द, पेट में कीड़े, जोड़ों में दर्द और सूजन।

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