एक हफ्ते में 4 आतंकी हमले, प्रवासी मजदूरों पर 3 टारगेटेड अटैक, आखिर सीमा पार आतंकवाद का क्या है इलाज?

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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में एक हफ्ते के भीतर 4 आतंकी हमले। केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद चुनी हुई पहली सरकार आने के बाद आतंकी हमलों में उछाल। निशाने पर सिर्फ सुरक्षा बल ही नहीं, बल्कि बाहरी राज्यों से आए मजदूर, पर्यटक भी। कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुए हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान गड़बड़ी नहीं फैला पाए आतंकी अब बौखलाहट में हैं। उनके हमले तेज हुए हैं। ज्यादातर हमलों के पीछे पाकिस्तान के घुसपैठी आतंकी हैं। जिस तेजी से आतंकी वारदात बढ़ रही हैं, भारत सरकार को सीमा पार आतंकवाद का जल्द इलाज करना होगा।

शानदार ढंग से चुनाव होने से बौखलाए आतंकी
16 अक्टूबर को उमर अब्दुल्ला ने केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक 3 चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इससे बौखलाए आतंकी पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं के इशारे पर अब लगातार हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

मिलिट्री ट्रक पर घात लगाकर हमला
गुरुवार को गुलमर्ग में 11 किलोमीटर दूर एलओसी के पास आतंकियों ने एक मिलिट्री ट्रक पर घात लगाकर हमला किया। इसमें राष्ट्रीय राइफल्स के 2 जवानों और 2 पोर्टर की मौत हो गई। 3 अन्य सैनिक जख्मी हुए हैं। मिलिट्री ट्रक सप्लाई लेकर जा रहा था।

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