एचएएल की नई उत्पादन इकाई को लेकर क्या है आंध्र प्रदेश का प्रस्ताव, जिसपर कर्नाटक में असहज हुई कांग्रेस सरकार

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नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की उत्पादन इकाइयों को अपने राज्य में भी स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव के बाद कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बीच HAL को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। कर्नाटक सरकार को लग रहा है कि HAL का मैन्युफैक्चरिंग बेस राज्य के एयरोस्पेस सेक्टर से जुड़ा हुआ है और इसे आसानी से बदला नहीं जा सकता। वहीं, आंध्र प्रदेश सरकार का कहना है कि वह HAL की किसी मौजूदा सुविधा को स्थानांतरित करने के लिए नहीं कह रही है, बल्कि इसके विस्तार के लिए नई ग्रीनफील्ड सुविधा स्थापित करने का प्रस्ताव दे रही है। बता दें कि HAL लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस परियोजना में देरी का सामना कर रही है।

लेपाक्षी में HAL प्लांट लगवाना चाहते हैं चंद्रबाबू नायडू

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अपनी बैठकों में आंध्र प्रदेश में एक नई HAL सुविधा स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। उनका प्रस्ताव है कि वे लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस और अन्य आगामी स्वदेशी प्लेटफार्मों के लिए भविष्य की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को आंध्र प्रदेश में स्थापित करना चाहते हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि वे किसी भी मौजूदा सुविधा को स्थानांतरित करने के लिए नहीं कह रहे हैं। राजनाथ सिंह के साथ अपनी बैठक में, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने HAL की किसी भी विस्तार योजना के लिए लेपाक्षी में कर्नाटक सीमा से सिर्फ 70 किलोमीटर दूर 10,000 एकड़ जमीन देने की पेशकश की है।

कर्नाटक को सिर्फ शिफ्ट किए जाने की आशंका पर है आपत्ति

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में मौजूद एक शीर्ष सूत्र ने बताया, ‘रक्षा इकाइयों को सेटबैक की भी आवश्यकता होती है, जो आंध्र प्रदेश में संभव है और कर्नाटक में मुश्किल हो सकता है।’ HAL, भारत की प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है। इसके बेंगलुरु और तुमकुरु (कर्नाटक) में प्रमुख उत्पादन इकाइयां हैं। ये इकाइयां लड़ाकू जेट, हेलीकॉप्टर और ट्रेनर विमानों के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिनमें LCA तेजस और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) शामिल हैं। लेकिन, कर्नाटक के नेताओं ने इस सुझाव पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि HAL का मैन्युफैक्चरिंग बेस राज्य के एयरोस्पेस सेक्टर से जुड़ा हुआ है और इसे आसानी से स्थानांतरित या डुप्लिकेट नहीं किया जा सकता है।

‘हमारी सरकार राज्य की संपत्ति की रक्षा के लिए कुछ भी करेगी’

कर्नाटक के बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री एम बी पाटिल ने HAL के संचालन को स्थानांतरित करने की अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘किसी भी मुख्यमंत्री के पास HAL की मौजूदा सुविधाओं को स्थानांतरित करने का अधिकार नहीं है। बेंगलुरु में संचालन जारी रहेगा। जो सुझाव दिया गया है वह एक नई इकाई की स्थापना हो सकती है, जो एक अलग मामला है।’ कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी यही बात कही। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता, जहां तक मेरी जानकारी है, यह नहीं हो सकता. इसे स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।’ उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार HAL और राज्य में इसके संबंधित बुनियादी ढांचे की रक्षा हर कीमत पर करेगी। उन्होंने कहा, ‘HAL किसी बीजेपी सरकार ने नहीं दी थी। इसे नेहरू ने तकनीकी जनशक्ति की उपलब्धता के कारण बेंगलुरु में स्थापित किया था। मैं चंद्रबाबू नायडू के केंद्र से राजनीतिक अनुरोध में हस्तक्षेप नहीं करने जा रहा हूं। हमने HAL को पर्याप्त जमीन दी है और तुमकुरु में एक हेलीकॉप्टर इकाई स्थापित करने के लिए जमीन प्रदान की है। वे आंध्र प्रदेश में कुछ भी नया स्थापित करने के लिए स्वतंत्र हैं; हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, हमारी सरकार अपने राज्य की संपत्ति की रक्षा के लिए जो कुछ भी कर सकती है, वह करेगी।’

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