बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। महाविद्यालय की एडमिशन प्रक्रिया पर परिजनों और छात्रों ने नाराजगी व्यक्त की है उसकी बड़ी वजह एडमिशन के लिए हर चरण के सीएलसी राउंड में पंजीयन करवाना जरूरी होने की प्रक्रिया है। ऐसे ही कुछ छात्र जिन्होंने पहले चरण के लिए पंजीयन कराया लेकिन उन्हें पूरी जानकारी नहीं थी कि पहले चरण में नाम नहीं आने के बाद दूसरे चरण के लिए दोबारा पंजीयन करवाना पड़ता है। बीते वर्ष की तरह उन्होंने पंजीयन नहीं करवाया लेकिन जब सूची में नाम देखा तो पता चला कि उनका नाम नहीं है उनसे कम प्रतिशत वालों का नाम आ गया है इसकी बड़ी वजह उन्हें बताई गई कि हर चरण में पंजीयन कराना जरूरी है तभी उनका सूची में नाम ऐड होगा। वर्तमान में महाविद्यालय में चल रही प्रवेश प्रक्रिया को लेकर जो गतिविधि चल रही है उस प्रक्रिया से छात्रों एवं उनके परिजनों ने भी नाराजगी व्याप्त हो गई है। इस प्रक्रिया को छात्रों के लिए परेशानी दायक बताया जा रहा है।
नियमों को शिथिल किया जाना चाहिए – कपिल मेंश्राम
छात्र नेता कपिल मेश्राम कहा कि वर्तमान में महाविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है पहले की जो नियमावली थी जिसके अनुसार ऐसा था जिस छात्र मैं रजिस्ट्रेशन कराया बच्चे का पहली लिस्ट में नाम नहीं आया तो भी वह छात्र दूसरी और तीसरी के साथ ही सीएलसी फर्स्ट राउंड, सेकंड राउंड और सीएलसी थर्ड राउंड की लिस्ट में प्रवेश लेने अपना आवेदन दाखिल कर सकता था। इस विषय को लेकर आज बीकॉम डिपार्टमेंट में बात की गई तो उनका कहना है उच्च शिक्षा विभाग के आदेश है कोई छात्र प्रथम लिस्ट में प्रवेश से वंचित रहता है और रिच्वाइस का फार्म जमा नहीं किया है तो वह छात्र सीएलसी राउंड में प्रवेश लेने से वंचित हो जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग का यह नियम सरासर गलत है इस प्रवेश प्रक्रिया को नहीं समझने वाले कई छात्र प्रवेश से वंचित हो जाएंगे। महाविद्यालय और उच्च शिक्षा विभाग से यही मांग है कि नियम को शिथिल किया जाए, इसी तरह प्रवेश प्रक्रिया चलती रही तो हम इसका विरोध करेंगे यह प्रक्रिया का उच्च शिक्षा विभाग छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है।
बच्चे का भविष्य अंधकार में चला जाएगा – दामोदर
पीजी कॉलेज पहुंचे अभिभावक दामोदर प्रसाद पाठक ने बताया कि बच्चे को सीएलसी आई है उसने फीस नहीं पटा पाए किसी कारण से। पहली लिस्ट में बच्ची का नाम आया था एडमिशन नहीं ले पाए थे, उसके बाद दूसरी तीसरी लिस्ट में प्रोफेसर द्वारा प्रवेश लेने मना कर दिया गया। 73 परसेंट रिजल्ट होने के बावजूद भी प्रवेश नहीं मिल रहा है ऐसा रहा तो छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा।
प्रवेश की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है – प्राचार्य
जिले के अग्रणी शिक्षण संस्थान जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रवीण श्रीवास्तव भी बताते हैं की विश्वविद्यालय द्वारा यह सारे नियम बनाए गए हैं इसके आधार पर ही एडमिशन की प्रक्रिया की जा रही है दरअसल इस वर्ष कोरोना काल होने की वजह से यह सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है इसीलिए इसी आधार पर एडमिशन ले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1 तारीख से प्रतिदिन हर 24 घंटे में लिस्ट विभाग द्वारा भोपाल स्तर से अपडेट की जाएगी। जिस बच्चे का नाम आया है उसे 24 घंटे का समय मिलेगा उस दौरान बच्चे को अलर्ट रहकर ऑनलाइन फीस जमा करना है छात्र मोबाइल से या किओस्क के माध्यम से फीस जमा करा सकते हैं।