एथेनांल प्लांट के खिलाफ किसानों का फुटा गुस्सा

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वारासिवनी(पदम्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बॉसी में स्थित ऐथेनॉल प्लांॅट के द्वारा की जा रही मनमानी को लेकर ग्रामीणों ने बॉसी प्लांट के पास से बहने वाली नहर में पहुंचकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों के सामने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही समस्या का समाधान निकालने के लिए कठोर कदम उठाने की बात कही और समस्या का समाधान नही निकालने पर उग्र आंदोलन करने की चेतवानी दी है। वर्तमान समय में रबी की फ सले खेतों में लगी हुई है उनके खेतों तक पानी नही पहुॅचने से काफी दिक्कते बन रही है। फ सले सुखने के कारण नष्ट हो रही है और करीब ४०० एकड़ जमीन में लगी फ सलें पानी नही मिलने के कारण प्रभावित हो रही है। वहीं क्षेत्र के १५ से २० ग्रामों में पानी नही मिलने की वजह से प्रभावित है। जिससे करीब ४ हजार किसानों को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं दूसरी ओर सिंचाई विभाग के द्वारा ऐथेनाल प्लांट को परिमिशन दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि मात्र ८४० क्यूब मीटर पानी निकालने की परमिशन एथेनॉल प्लांट को दी गई है। इसके बावजूद भी एथेनॉल प्लांट के द्वारा २० से २५ एचपी की मोटर लगाई गई जो १ मिनट में २ हजार क्यूब लीटर तक पानी निकालने की क्षमता रखती है।

जब से एथेनॉल प्लांट बना है तभी से किसानों को नही मिल पा रहा पर्याप्त पानी-मुरतसिंह पारधी

वरिष्ठ भाजपा नेता मुरतसिंह पारधी ने चर्चा करते हुये कहा कि राजीव सागर परियोजना को बने पुरे १२ साल हो गए है। ३ वर्ष पहले तक तो पानी पर्याप्त मिल रहा था लेकिन जब से एथेनॉल प्लांट लगा है तभी से पानी पर्याप्त किसानों को नही मिल पा रहा है। इस कारण क्षेत्र की १५ ग्राम पंचायतें प्रभातिव हो रही है। जिसमें तीन से चार हजार किसान प्रभावित है। वहीं क्षेत्र की ४०० एकड़ जमीन में लगी धान की फसले प्रभावित हो रही है। कुछ दिन पूर्व ही अनुविभागीय अधिकारी ने दौरा कर किसानों की समस्या को देखते हुए सिंचाई विभाग के सबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया था कि परिमिशन के अनुसार ही पानी निकालने के लिये एथेनाल प्लांट को बाध्य किया जाए। इसके बावजूद दिन में दिखावे के लिए एक मोटर व रात्रि में एक अतिरिक्त मोटर लगाकर पानी निकाला जा रहा है जिससे जलस्तर बेहद घट गया और पानी की समस्या आ पड़ी है।

एथेनाल प्लांट वाले नहरो से मोटर लगाकर पानी की कर रहे चोरी-मनोज बोपचे

पूर्व सरपंच मनोज बोपचे ने कहा कि ग्राम के अंतिम छोर के किसानों को राजीव सागर परियोजना के केनाल से पानी नही मिल रहा है। यह समय रबी की फ सल का है जिसमें किसानो को पानी नही मिलने से काफी परेशान है। यह जो राजीव सागर परियोजना बनाई गई है वह किसानों के लिये बनाई गई ना की एथेनाल प्लांट के लिये बनाई है। एथेनाल प्लांट से किसानों को कोई फायदा नही है। एथेनाल प्लांट वाले नहरो से रात्रि में मोटर लगाकर पानी की चोरी कर रहे है। जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है देश के प्रधानमंत्री मोदी जी का भी कहना है कि ग्राम के अंतिम छोर के किसानों को पानी मिलना चाहियें है। यहां जो पानी नही मिल रहा है इसमें अधिकारी का दोष है इस मामले में एसडीएम से भी चर्चा की गई परंतु कोई जवाब नही मिला है।

नहर का पानी खेतो में नही मिलने से किसानो में आक्रोश है-कडुलाल बिसेन

किसान कडुलाल बिसेन ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि खेतो में रबी की फसल हमारे द्वारा लगाया गया है। खेती में खाद का छिड़काव किया गया पर पानी नहीं आया जिस कारण से फ सल सुख रही है। खेती पूरा खराब हो गई है हर जगह दरारें आ गई है पूरे खेत के आस पास करीब चार पांच किसान है और यहां १२ एकड़ करीब जमीन है। जो पूरी खराब हो गई है अधिकारी से बात किया तो उसने कहा था कि हर वर्ष की तरह पानी देंगे और इस पर हमने पिछला पैसा भी उसे दे दिया है। पर अब नुकसान हो रहा है अमीन आया था जिसे कहा था यह लोग हर बार पानी देते हैं पर इस बार क्यों नहीं दे रहे पता नहीं। एथेनॉल प्लांट में भी २०-२० हॉर्स पावर की मोटर लगी है। हमें एक लाख रूपये से अधिक की नुकसानी हुई है लागत हमारे द्वारा खाद, ट्रैक्टर, मजदूर बीजाई में खर्च किया गया था पर सिंचाई नहीं होने से यह समस्या है।

पानी नही मिलने से किसानों के लाखों रुपये की लागत डूब गई -मोनू देशमुख

किसान मोनू देशमुख ने बताया कि यह ग्राम झालीवाड़ा का मिर्ची टोला है इधर मऊटोला, हीराटोला मेंं पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है । यहां किसानों के द्वारा रबी में धान लगाई गई है जिनकी लागत अब डूबती नजर आ रही है । क्योंकि नहर का पानी नहीं मिल रहा है राजीव सागर योजना का नहर यहां आता है । अब वह कितना पानी छोड़ते हैं तो पता नहीं कि यहां आते तक पानी खत्म हो जाता है। किसानो को पानी नहीं मिल रहा है यहां पूरे किसानों की फ सल पर संकट उत्पन्न हो गया है । क्योंकि पूरी फ सल सूख गई है जमीन फ ट गई है इधर पूरा इलाका मिलकर २०० एकड़ जमीन है जिसमें नुकसान ही होना है । एक एकड़ में भी एक बूंद पानी नहीं है ऐसा यदि करना है तो विभाग पैसे लेना बंद कर दे आज हमारे यहां के किसानों के लाखों रुपये की लागत डूब गई है।

इनका कहना है

बासी प्लांट वाले जो पानी ले रहे है वह शासन से अनुमोदित है एग्रीमेंट है नियमानुसार पानी ले रहे है। कुछ टेल के किसानों को पानी नही मिल रहा है जो एक सप्ताह के लिये बंद किया जायेगा। एथेनाल प्लांट में पानी जो ले रहे है उनके पास मीटर लगा हुआ है टेल के ग्राम पानी के कारण प्रभावित हो रहे है। कुछ किसानों के द्वारा अवैध रूप से मोटर लगाकर पानी ले रहे है उसे हटाया जायेगा। और क्षेत्र के अंतिम ग्रामों तक पानी दिया जायेगा।

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