भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में अपने शेयरों की बिक्री के साथ सरकार की एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में हिस्सेदारी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़कर 7.15 प्रतिशत हो गई। बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में यह 5.48 प्रतिशत थी। एक विश्लेषण के अनुसार मूल्य के लिहाज से सरकार की एनएसई कंपनियों में हिस्सेदारी जून तिमाही में 20.24 प्रतिशत बढ़कर 16.99 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई। एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के चलते सरकार का एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में मूल्य बढ़ा है। मार्च 2022 में 14.13 लाख करोड़ रुपए था। यह हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज के मूल्य से कम है, जिसका बाजार पूंजीकरण 17.63 लाख करोड़ रुपए है। जाकारी के अनुसार मई में एलआईसी में अपनी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को 20,557 करोड़ रुपए में बेचने के कारण सरकार के बाजार पूंजीकरण में वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि पिछले 13 साल यानी जून 2009 से सरकार की सूचीबद्ध कंपनियों में हिस्सेदारी लगातार घट रही है। वर्ष 2009 में सरकार की सूचीबद्ध कंपनियों में हिस्सेदारी 22.48 प्रतिशत थी। जून, 2022 में यह घटकर 7.15 प्रतिशत रह गई। ऐसा विनिवेश के कारण हुआ है। दूसरी तरफ, सूचीबद्ध कंपनियों में निजी प्रवर्तकों की हिस्सेदारी जून तिमाही में घटकर 44.33 प्रतिशत रह गई, जो इससे पिछली मार्च तिमाही में 45.12 प्रतिशत थी।