तेलंगाना के खम्मम जिले में एक आदिवासी दंपति को एंबूलेंस नहीं मिलने की वजह से अपनी तीन साल की बेटी का शव मोटरसाइकिल पर 68 किलोमीटर तक ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। आदिवासी दंपति की बेटी की खम्मम जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। शव को ले जाने के लिए उनके पास एम्बुलेंस का किराया देने के लिए पैसे नहीं थे। सरकारी अस्पताल ने उन्हें एम्बुलेंस नहीं मिली तो उन्होंने मोटरसाइकिल पर ही बेटी का शव ले जाने का निश्चय किया।
वेट्टी मल्ला और आदि की तीन साल की बेटी सुक्की पिछले कई दिनों से बीमार थी। को बुखार और दौरा पड़ा था। उसका पहले एनकूर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराया गया, जहां से सोमवार सुबह उसे खम्मम जिला अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बच्ची के पिता ने कहा कि बहुत प्रयास के बाद भी उसे अस्पताल ने एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई। बाद में वह 100 रुपये लेकर अपने गांव गए और ग्रामीणों से उनकी मदद का अनुरोध किया। गांव के एक युवक ने अपनी बाइक दी जिससे वह अपनी बेटी के शव को वापस अपने गांव ले जा सके।