अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के नवागत डायरेक्टर डा. अजय सिंह ने कहा है कि संस्थान में जल्द ही क्रिटिकल केयर यूनिट सीसीयू को बनाएंगे। इस पर 98 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह 150 बिस्तर वाला होगा। इसमें गंभीर मरीजों को इलाज मिलेगा। डॉ सिंह पदभार संभालने के कुछ दिनों बाद ही सामने आए और एम्स की सभी कमियों को दूर करने की कार्ययोजना रखी है। डॉ सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं होने देंगे कि मरीज व उनके स्वजन कतार में घंटों खड़े रहे और जब पंजीयन काउंटर तक पहुंचे तो उन्हें बताया जाता है कि आपको तो इस कतार में लगना ही नहीं था, दूसरी कतार में लगें, तब पर्चा बनेगा। एक केंद्रीयकृत व्यवस्था बनाएंगे। यहां से इमरजेंसी, ट्रामा और ओपीडी के मरीजों को सही समय पर उचित सलाह दी जाएगी, उनकी पूरी मदद करेंगे। कम से कम समय में फैकल्टी व अन्य पदों पर भर्ती को पूरा किया जाएगा। नए डायरेक्टर ने इस बात को माना है कि भोपाल एम्स को जो मुकाम मिलना था, वह नहीं मिल पाया है, इसके लिए काम शुरू कर दिया है। इसमें भोपाल ही नहीं, पूरे मप्र के लोगों की मदद की जरूरत होगी। एम्स में गलत करने वालों से निपटा जाएगा। किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। अब भोपाल एम्स के लिए मरीज पहली प्राथमिकता होगी।एम्स के डायरेक्टर ने यह भी कहा कि पात्रता रखने वाले भर्ती मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां उपलब्ध कराई जाएगी। जरूरतमंद व गरीब तबके के गंभीर मरीजों का मुफ्त इलाज करेंगे। इस पर आने वाला खर्चे का भुगतान किया जाएगा। मरीजों व उनके स्वजनों के लिए शिकायत सिस्टम बनाएंगे, उसके लिए अधिकारी नियुक्त करेंगे। उनका निराकरण समयसीमा में करेंगे। 16 नए कोर्स की पढ़ाई जनवरी 2023 से शुरू करेंगे।मोबाइल वैन चलाएंगे। तब लोगों को छोटी-छोटी जांचों के लिए दूर-दराज से एम्स आने की जरूरत नहीं होगी। उनकी गांव जाकर जांच करेंगे। रिपोर्ट पोर्टल पर व मोबाइल एप पर उपलब्ध कराएंगे। रैन बसेरा की सुविधा बढ़ाएंगे। इनमें शौचालयों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। शोध कार्यों के लिए एम्स अपनी ओर से भी बजट का इंतजाम करेगा। छात्रों के लिए जिम जल्द शुरू करेंगे। होस्टल में रिक्रिएशन रूम बनाएंगे, छात्र अवसाद से दूर रहे, इसकी व्यवस्था करेंगे। गामा नाइफ की सुविधा मिलेगी, जो अभी मध्य भारत में बहुत कम है। इसमें बगैर चीर-फाड़ के ट्यूमर का लेजर पद्धति से इलाज किया जाएगा।जांचों के लिए तय दाम की सूची ओपीडी व जांच कक्ष के सामने चस्पा करेंगे। अभी एम्स दिव्यांग मरीज व उनके स्वजनों के अनुकूल नहीं है। यह कमी पूरी करेंगे। पांच करोड़ से मल्टी लेवर पार्किंग बनाएंगे।