एयरपोर्ट अथारिटी नया घरेलू कार्गो टर्मिनल बना रही है। इसके वर्ष 2023 की शुरुआत तक बनकर तैयार हो जाने की पूरी संभावना है। इसी साल में इसका लोकार्पण भी हो सकता है। भोपाल से यात्रियों की संख्या के साथ भविष्य में माल की आवक-जावक बढ़ने की संभावना के मददेनजर यह कार्गो टर्मिनल बनाया जा रहा है। करीब चार एकड़ क्षेत्र में बन रहे टर्मिनल के निर्माण पर अथारिटी आठ करोड़ रुपये खर्च कर रही है।चार साल पहले अथारिटी ने भोपाल में कार्गो टर्मिनल की स्थापना की थी। पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल के एक हिस्से को ही कार्गो टर्मिनल का रूप दिया गया था। इसकी वार्षिक क्षमता मात्र तीन हजार मीट्रिक टन की है। पिछले कुछ समय से माल की आवक-जावक बढ़ने से इसके विस्तार की जरूरत महसूस की जा रही थी। नए टर्मिनल का निर्माण पुराने एयरपोर्ट भवन के पास ही किया जा रहा है। इसकी क्षमता 29 हजार 300 मीट्रिक टन वार्षिक है। निर्माणाधीन कार्गो टर्मिनल को अथारिटी ने सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह सीसीटीवी कैमरों से लैस करने का निर्णय लिया है। सुरक्षा की दृष्टि से यहां पर एक्सरे मशीन एवं एक्सप्लोसिव ट्रेस डिटेक्टर सहित कई आधुनिक सुरक्षा उपकरण लगाए जाएंगे। विमान में माल ढुलाई से पहले सामान की पूरी जांच की जाएगी। कार्गो यूनिट का संचालन एयरपोर्ट अथारिटी की सहायक कंपनी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण कार्गो लाजिस्टिक्स एंड अलाइड सर्विसेज द्वारा किया जाएगा। डोमेस्टिक कार्गो टर्मिनल नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो से सिक्युरिटी क्लियरेंस मिलने बाद काम करने लगेगा। अथारिटी ने इसके लिए आवेदन किया है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। जनवरी 2023 में इसका लोकार्पण किया जाएगा। अधिक क्षमता वाले कार्गो टर्मिनल बनने से एयरलाइंस कंपनियों को लाभ होगा। कंपनियां बड़े विमान चलाने के लिए प्रोत्साहित होंगी। कई बार कंपनियों को अपेक्षित यात्री नहीं मिलते। इसकी भरपाई लोडिंग से की जाती है। नया कार्गो बनने से माल की आवक-जावक बढ़ेगी। इसका सीधा लाभ एयरलाइंस कंपनियों को होगा। इस बारे में एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी का कहना है कि नया डोमेस्टिक कार्गो टर्मिनल वर्तमान टर्मिनल की अपेक्षा आधुनिक होगा। माल की आवक-जावक के लिए अलग-अलग स्टोर बनेंगे। सिक्युरिटी सिस्टम भी आधुनिक होगा। काम पूरा होने के बाद नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो से सिक्युरिटी क्लियरेंस लिया जाएगा।