एयर इंडिया 57, आकासा 30 तो स्पाइसजेट 27… जानें किस एयरलाइन के पास कितने बोइंग विमान, सबकी चल रही जांच

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भारत में बोइंग विमानों के फ्यूल स्विच की जांच हो रही है। एयर इंडिया एक्सप्रेस ने सबसे पहले अपने विमानों की जांच पूरी की। एयर इंडिया ने भी कई विमानों की जांच कर ली है। डीजीसीए के आदेश के बाद यह जांच हो रही है।

नई दिल्ली: भारत की तमाम एयरलाइंस द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे बोइंग के सभी मॉडल के करीब 190 एयरक्राफ्ट में से सबसे पहले एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अपने बेड़े के सभी 75 बोइंग एयरक्राफ्ट के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच पूरी कर ली है। दूसरे नंबर पर एयर इंडिया ने अपने बोइंग बेड़े के 57 वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट में से करीब 30 की जांच पूरी कर ली है। एयरलाइंस का दावा है कि जांच संतोषजनक रही, अभी तक बोइंग के किसी भी प्लेन के फ्यूल स्विच में कोई बड़ी गंभीर कमी सामने नहीं आई।

एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के अलावा भारत की एयरलाइंस स्पाइसजेट के पास बोइंग के 27 और अकासा के पास 30 एयरक्राफ्ट हैं। इंडिगो के पास भी बोइंग का एक 787 प्लेन है। यह विदेशी एयरलाइंस का वेट लीज पर लिया गया प्लेन है, जो डीजीसीए के दायरे में नहीं आता। स्पाइसजेट और अकासा भी अपने बोइंग प्लेनों की जांच कर रही हैं। तमाम एयरलाइंस अपने बोइंग विमानों के फ्यूल स्विच की जांच डीजीसीए के उस आदेश के बाद कर रही हैं। इसमें अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया की क्रैश हुई फ्लाइट के बाद जांच एजेंसी एएआईबी की आरंभिक रिपोर्ट में बोइंग के उस 787-8 प्लेन के फ्यूल कंट्रोल स्विच के अचानक ऑन से ऑफ मोड में जाना बताया गया है। इससे हवाई जहाज के दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई रुक गई थी और नतीजतन प्लेन क्रैश हो गया था।

5 साल में 65 फ्लाइट्स के इंजन बंद

भारत में पिछले पांच साल में 65 फ्लाइट्स में उड़ान के दौरान हवा में या टेकऑफ करते समय इंजन बंद हुए। इससे पता चलता है कि हर महीने कम से कम एक विमान का इंजन बंद हुआ। हालांकि, सभी मामलों में पायलट एक ही इंजन से विमान को नजदीकी एयरपोर्ट तक पहुंचाने में सफल रहे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ये जानकारी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन से सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मिली है। रिपोर्ट से यह भी पता चला कि 1 जनवरी, 2024 से 31 मई, 2025 के बीच 17 महीनों में 11 फ्लाइट्स से ‘मेडे’ कॉल आईं।

फ्यूल स्विच को लेकर किया था अलर्ट

एयर इंडिया विमान हादसे से चार हफ्ते पहले ब्रिटेन की सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAA) ने बोइंग के कई विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच की खामी को लेकर चेतावनी जारी की थी। CAA ने इन स्विचों की रोजाना जांच करने के आदेश दिए थे। इसने 15 मई को ही एक सुरक्षा नोटिस जारी किया था। इसमें अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग के 787 ड्रीमलाइनर समेत पांच मॉडलों के ऑपरेटरों को अमेरिकी फेडेरल एविएशन अथॉरिटी (FAA) के एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव अनुसार इसकी समीक्षा करने के लिए कहा गया था | FAA का एयर वर्दीनेस डायरेक्टिव कानूनी रूप से लागू होने वाला एक नियम है।

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