एलएलबी पास आउट छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय प्राचार्य को सौंपा ज्ञापन

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शंकर साव पटेल शासकीय महाविद्यालय वारासिवनी से एलएलबी संकाय पासआउट कर चुके छात्र-छात्राओं के द्वारा महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्य व एसडीएम को महामहिम राज्यपाल के नाम का ज्ञापन सौंपकर शासकीय शंकर साव पटेल महाविद्यालय के विधि छात्रों का मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाने की मांग की गई हैं। ज्ञापन में छात्र-छात्राओं ने बताया कि हम सभी शासकीय शंकर साव पटेल महाविद्यालय वारासिवनी के नियमित विद्यार्थी है हमारे द्वारा सत्र 2022 मैं विधि स्नातक उत्तीर्ण कर लिया गया है। किंतु वर्तमान में 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी हमारे महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं का रजिस्ट्रेशन मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल के द्वारा नहीं किया जा रहा है। उक्त संस्था द्वारा यह कहा जा रहा है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली की सूची में आपके महाविद्यालय का नाम नहीं होने की वजह से आपका रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है। जिस के संबंध में हमारे द्वारा प्राचार्य शासकीय शंकर साव पटेल महाविद्यालय को अवगत कराया गया किंतु महाविद्यालय द्वारा हमें आज तक केवल आश्वासन दिया जाता रहा है कि बाहर काउंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली से रजिस्ट्रेशन के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। जबकि हम सत्र 2022 के उत्तीर्ण विधि के छात्र-छात्रा हैं और बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन ना होने से हम अपना विधि संकाय सुचारू रूप से नहीं कर पा रहे हैं। जिसके लिए हमारी मांग है कि हम विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए छात्र हित में निर्णय लेते हुए हमारा रजिस्ट्रेशन मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल जबलपुर में करवाया जाये।

यहां यह बताना लाजमी है कि शासकीय शंकर साव पटेल महाविद्यालय में जनभागीदारी से विधि संकाय संचालित है। जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के द्वारा प्रवेश लिया गया है परंतु किसी भी विद्यार्थी को वर्तमान में मध्य प्रदेश बार काउंसिल का पंजीयन नहीं किया जा रहा है। जबकि समीप में बालाघाट के कॉलेज का पंजीयन हो रहा है जिसका कारण बताया जा रहा है कि बाहर काउंसिल आफ इंडिया के द्वारा बीते कुछ वर्ष की फीस महाविद्यालय के द्वारा नहीं दिए जाने की बात कहते हुए महाविद्यालय के अध्यनरत विद्यार्थियों का पंजीयन करने से इनकार कर दिया गया है। ऐसे में विद्यार्थियों की वरिष्ठता के साथ-साथ शासकीय सेवा के अवसर भी पिछड़ते जा रहे हैं। ऐसे में वर्ष 2021 में पास आउट हो चुके करीब 100 छात्र-छात्राएं और उसके बाद वर्ष 2022 में पास आउट हो चुके करीब 100 छात्र-छात्राएं है जिनका पंजीयन नहीं हो पा रहा है। इसमें वर्ष 2021 के पास आउट हो चुके कुछ लोगों का ही पंजीयन हुआ है उसके बाद से पंजीयन बंद पड़ा हुआ है और मध्य प्रदेश बार काउंसिल के द्वारा जो महाविद्यालय की लिस्ट प्रकाशित की गई है उसमें वारासिवनी महाविद्यालय का नाम भी नहीं दिया गया है। जिससे उक्त विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में प्रतीत हो रहा है जिसकी उन्हें चिंता हो रही है।

एलएलबी पासआउट छात्रा संजम खरवड़े ने बताया कि बार काउंसिल में पंजीयन नहीं हो रहा है जिसके कारण सिविल जज में जो 3 वर्ष की प्रैक्टिस मांगी जा रही है उसे हम वंचित हो रहे हैं। क्योंकि हमें विधि स्नातक उत्तीर्ण किया एक वर्ष हो गया है इस दौरान हमारे द्वारा महाविद्यालय से चर्चा की जा रही है जिनके द्वारा हमें सदैव बोला जा रहा है कि हो जाएगा परंतु अभी तक कुछ नहीं हो रहा है। सुश्री खरवड़े ने बताया कि एक वर्ष हो गया हमें एलएलबी पास करें इनके द्वारा कहा जाता है की कार्यवाही प्रक्रिया में है तो हम चाहते हैं कि जल्दी यह प्रोसेस करें ताकि हमारा पंजीयन हो क्योंकि पंजीयन नहीं होगा तो हम प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे।

एलएलबी पासआउट छात्र तहसिन खान ने बताया कि एलएलबी पास हुए 1 वर्ष हो गया है अभी तक कॉलेज में कोई हमारे पंजीयन को लेकर प्रोसेस नहीं किया है और ना ही कर रहे हैं बस कहते हैं कि पंजीयन हो जाएगा। हमारा पंजीयन नहीं होने से हम व्यवसाय नहीं कर पा रहे हैं बार काउंसिल ऑफ इंडिया दिल्ली में महाविद्यालय के द्वारा फीस जमा नहीं की गई है जिसके कारण यह समस्या बनी हुई है। श्री खान ने बताया कि प्राचार्य के द्वारा आश्वासन दिया जाता है कि निराकरण हो जाएगा किंतु कुछ नहीं हो रहा है इनके द्वारा दिल्ली से पत्राचार कर चर्चा की जा रही है और लगातार पत्राचार हो रहा है बस यह बताते हैं। हमारी एक बैच 100 लोगों की है और सीनियर बैच 100 लोगों की है ऐसे 200 लोग पंजीयन नहीं होने से परेशान हो रहे हैं। वही इस वर्ष की भी बैच तैयार है।

संगीता शरणागत ने बताया कि हमारे साथ बहुत बड़ी समस्या है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया में पंजीयन करवाने जा रहे हैं तो नहीं हो रहा है उनके द्वारा कहा जा रहा है कि महाविद्यालय के द्वारा फीस नहीं दी गई है इस कारण से पंजीयन बंद है। जिसके लिए कॉलेज में ज्ञापन दे रहे हैं किंतु आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है इसका असर हमारी वरिष्ठता पर पड़ रहा है हम लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। सुश्री शरणागत ने बताया कि यह एआईबी 17 कि हम परीक्षा नहीं दे पाए एआइबी 18 भी आएगी उसमें भी हमें मौका नहीं मिलेगा तो सीनियारिटी हमारी खराब हो रही है। बार काउंसिल बोल रहा है फीस जमा की जाए जो महाविद्यालय ने नहीं दी है इस कारण से हमारा पंजीयन रोका गया है। बार काउंसिल इंडिया ने जबलपुर को बोला है जिस कारण से रोका गया है फीस जमा नहीं हुई है जबकि बालाघाट में पंजीयन हो रहा है केवल वारासिवनी कॉलेज का नाम लिस्ट में भी नहीं है।

प्रभारी प्राचार्य एसएस गेडाम ने बताया कि एलएलबी पासआउट छात्रा आए थे जिन्होंने ज्ञापन दिया है कि बार काउंसिल में पंजीयन नहीं हो पा रहा है इसके लिए महाविद्यालय स्टेट बार काउंसिल जबलपुर एवं बार काउंसिल ऑफ इंडिया दिल्ली से पत्राचार कर चर्चा की जा रही है और समस्या का हल करने का प्रयास है। श्री गेडाम ने बताया कि हमने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को बकाया के लिए अनुरोध पत्र भेजा है कि महाविद्यालय को कितने रुपए जमा करना है इसकी जानकारी वह दे। जिस पर उनके द्वारा वर्चुअल महाविद्यालय का निरीक्षण किया गया और बैठक के बाद बताएंगे कहा था इस संबंध में हमने लॉ फैकेल्टी को भी चर्चा करने के लिए भेजा था जिन्होंने कहा है कि बैठक के बाद बताएंगे।

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