तेजाजी नगर पुलिस ने एस्कॉर्ट सर्विस का शिकार हुए एक बुजुर्ग की शिकायत पर केस दर्ज किया है। पैसा ठगने वाली गैंग पश्चिम बंगाल की है। पेशे से अकाउंटेंट रह चुके बुजुर्ग ने गूगल पर एस्कॉर्ट सर्विस का नंबर सर्च किया था। यहां से नंबर लेकर उन्होंने कॉल किया फिर वे ठगी के जाल में फंसते चले गए। उन्होंने तीन बार में करीब 25 हजार रुपए ट्रांसफर किए। पुलिस ने बताया कि ठगने वाली गैंग पश्चिम बंगाल की है। शनिवार रात एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
TI आरडी कानवा के मुताबिक बुजुर्ग अकाउंटेंट इंदौर के रानीबाग इलाके में रहते हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने गूगल पर एस्कार्ट सर्विस के नाम से सर्च किया था। यहां से एक मोबाइल नंबर लेकर उन्होंने इस नंबर पर कॉल किया। फोन युवती ने रिसीव किया। उसने कहा पहले आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए 2 हजार रुपए लगेंगे। युवती की बातों में आकर उन्होंने पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद युवती ने प्रायवेसी कोड देने के नाम पर फिर बातों में उलझाया और 8 हजार 2 सौ रुपए और ट्रांसफर करा लिए। युवती ने भरोसा दिलाया कि ये पेमेंट आपको रिटर्न हो जाएगा।
होटल बुकिंग के नाम से फिर ठगा
इसके बाद अगले दिन होटल बुकिंग के नाम पर अविनाश नाम के व्यक्ति से बात कराई। उसने कहा कि इंदौर में रूम बुक कराने के लिये करीब 14 हजार 5 सौ रूपये जमा कराने होंगे। इस पैसे से आपको होटल में सालभर के लिए कमरा बुक हो जाएगा। इस पैसे में डीलक्स रूम के साथ अन्य सर्विस भी दी जाएगी। अकाउंटेंट ने इसे जमा कराने के पहले 10 हजार का पेमेंट वापस मांगा। तो उन्होंने कहा अभी पैसा वापस लेंगे तो केवल चालीस प्रतिशत ही वापस मिलेगा। एक बार सर्विस शुरू हो जाए तो पूरा पैसा रिटर्न हो जाएगा। यह सुनकर बुजुर्ग ने 14 हजार रुपए पांच सौ रुपए ट्रांसफर कर दिए।
एस्कॉर्ट सर्विस के लिए तारीख फिक्स नहीं की तो हुआ विवाद
तीन बार में करीब 25 हजार रुपए लेने के बाद भी जब एस्कॉर्ट सर्विस देने के लिए समय फिक्स नहीं किया तो बुजुर्ग ने संपर्क करना शुरू किया। बुजुर्ग ने पैसे मांगे या सर्विस मांगी। तो उधर से जवाब आया आपको जल्द ही सर्विस उपलब्ध कराएंगे। कुछ दिनों तक जब सर्विस नहीं मिली तो उन्होंने फिर उन्हीं नंबरों पर कॉल किया। तब गैंग ने कहा रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराने के बदले 10 हजार रुपए और जमा करा दें। तब आपको कुल जमा 35 हजार रुपए और 3 हजार रुपए बोनस के साथ 38 हजार रुपए मिल जाएंगे। लेकिन बुजुर्ग ने इससे इंकार कर दिया। कहा मुझे मेरे 25 हजार रुपए वापस कर दें। बुजुर्ग ने पुलिस से शिकायत में कहा मेरे पैसे मांगने के बाद उन्होंने फोन उठाना बंद कर दिया।
पश्चिम बंगाल के हैं नंबर
टीआई आरडी कानवा के मुताबिक इस मामले में दो मोबाइल धारकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। दोनों नंबर संदीप बावरी काशीपुर पश्चिम बंगाल और सरवर खान चौबीस परगना पश्चिम बंगाल के नाम से रजिस्टर्ड हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
ऑनलाइन ठगी के इन तरीकों से बचें
गूगल से डायरेक्ट नंबर लेते हैं तो सावधान!:इंदौर में पार्सल बुलाने के लिए अननोन UPI पर 50 रु. एडवांस डालते ही उड़े 1.36 लाख
यदि आप भी किसी का मोबाइल नंबर या टोल फ्री नंबर गूगल से सीधे सर्च कर लेते हैं तो आपके लिए अलर्ट करने वाली खबर है। इंदौर के एक लैब टाइपिस्ट ने एक कंपनी को ऑनलाइन ऑर्डर किया। माल जल्दी बुलाना था इसलिए उसने सीधे कूरियर कंपनी का कान्टेक्ट नंबर ऑनलाइन गूगल पर सर्च किया। नंबर कूरियर कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट के बजाय ओपन टोल फ्री सर्विस या ओपन कस्टमर केयर ने उपलब्ध कराया था। यह फर्जी था। जैसे ही टाइपिस्ट ने उस पर कॉल किया तो उसने बातों में फंसाया। कुछ देर में दूसरे मोबाइल नंबर से कॉल आया और कहा कि आपकी माल की डिलिवरी जल्दी हो जाएगी, आप UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से 50 रुपए एडवांस दे दीजिए। हम प्रायोरिटी में ले लेंगे। टाइपिस्ट ने यह गलती कर दी, जैसे ही संबंधित के UPI पर 50 रुपए ट्रांसफर किए। कुछ ही देर में 8 बार 1.36 लाख रुपए उड़ गए।