उमेश बागरेचा
जिले की पंचायत की कुर्सी में प्रमुख के पद को लेकर कटंगी क्षेत्र के एक ‘पी’ नीम हकीम दावेदार ने ऑपरेशन ‘पी’ के औजार से जिला पंचायत क्षेत्र के मरीजों का इलाज ढूंढना चाहा तो फिर क्या था, जिले में ऑपरेशन ‘पी’ के जनक कहे जाने वाले विशेषज्ञ हरकत में आ गए। ऑपरेशन ‘पी’ करने का सवाल हो और वे शांत बैठकर ऑपरेशन टेबल पर औजारों के साथ ऑपरेशन ‘पी’ चलाने हरकत में ना आए ऐसा तो हो ही नहीं सकता। सूत्रों की माने तो ‘पी’ के जनक विशेषज्ञ भोपाल के मेडिकल कॉलेज से ऑपरेशन की एक नई विधा का ज्ञान लेकर एक नई ऊर्जा के साथ बीते रविवार को लौटे हैं। ऑपरेशन ‘पी’ चलाने में वे इतने लालायित थे कि उन्हें गोंदिया होते हुए बालाघाट अपने निवास पहुंचना था लेकिन बीच रास्ते में ही वह तुमसर में उतर गए और वहां से सीधे कटंगी पहुंचकर कटंगी के अस्पताल से ही अपने ऑपरेशन ‘पी’ की शुरूआत कर दी, और अब उन्हें ऑपरेशन ‘पी’ करने की ऐसी लगन लगी कि रोज जिले के किसी न किसी अस्पताल में जाकर ऑपरेशन ‘पी’ करना चालू कर दिया । अपने इस ऑपरेशन ‘पी’ को सफल बनाने में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कटंगी स्थित ‘पी’ के नीम हकीम को भी साथ आने का आमंत्रण दे दिया ताकि ऑपरेशन ‘पी’ का सफलता पूर्वक संचालन हो सके । अब जब कटंगी का ‘पी’ नीम हकीम ‘पी’ विशेषज्ञ के साथ काम में लग जायेगा तो फिर सामान्य सी बात है कि विशेषज्ञ के पास ऑपरेशन ‘पी’ के लिए पूर्व से उपस्थित ‘पी’ नीम हकीम के साथ ही साथ कुछ डिग्रीधारी भी है और ऐसा ही एक डिग्रीधारी लालबर्रा क्षेत्र में भी है । इसलिए विशेषज्ञ महोदय ने कटंगी के ‘पी’ नीम हकीम को लालबर्रा के ‘पी’ डिग्रीधारी के मातहत कार्य करने का प्रस्ताव पेश किया है। सूत्रों ने बताया कि ऑपरेशन ‘पी’ के तहत की गई इस पेशकश से आरक्षण से पास (सफल ) हुए नीम हकीमों में भी हलचल मच गई कि जब ‘पी’ के विशेषज्ञ ऑपरेशन कर सकते है तो हम क्यों नहीं कर सकते, तो उन्होंने भी ऑपरेशन ‘पी’ के विशेषज्ञ को कह दिया कि हम भी ऑपरेशन करेंगे लेकिन हमारे ऑपरेशन का नाम ‘आ’ होगा। क्योंकि पूर्व में भी उन्होंने सफलतापूर्वक ‘आ’ का ऑपरेशन किया है ।
इन बातों के बीच सूत्रों ने हमें जानकारी दी है कि जिला पंचायत क्षेत्र के अधिकांश मरीजों को तो अनारक्षित सीट से परीक्षा में पास हुए ‘टी’ नाम के डिग्रीधारी ने अपनी शरण में लेकर ऑपरेशन करने की तैयारी की हुई हैं।
हमारे सूत्र अब इस बात का पता नहीं लगा पाए है कि ऑपरेशन के पूर्व जो तैयारी की जाती है, वह कितनी बेहतर ‘टी’ नाम के डिग्रीधारी कर पाये हैं, अथवा जो मरीज वर्तमान में उनके पास है क्या वह ‘पी’ के विशेषज्ञ से अपना इलाज करवाना चाहेंगें या ‘पी’ के विशेषज्ञ कटंगी के प्रतिद्वंदी ‘पी’ के डिग्रीधारी के साथ मिलकर इलाज करवाते हैं या फिर आरक्षित ‘आ’ के नीम हकीमों को साथ लेकर ऑपरेशन करवाते हैं?
अब यहां एक महत्वपूर्ण बात जो हमें सूत्रों से ‘पी’ के विशेषज्ञ के विषय में पता चली है आपको बता ही देते हैं , लेकिन यह सही है गलत हमें नहीं पता, यह आप ही पता करें, बात यह है कि भोपाल स्थित मेडिकल कॉलेज के डीन ने ऑपरेशन ‘पी’ के विशेषज्ञ को बोला है कि अगर आपने जिला पंचायत के मरीजों का सफलता पूर्वक ऑपरेशन करते हुए मरीजों को पूर्ण स्वस्थ कर कुर्सी में बैठने लायक बना दिया तो तुम्हारा प्रमोशन पक्का है, तुम्हें अपने अधीन मेडिकल कॉलेज में कोई अच्छी सी बड़ी पोस्ट पुरस्कार में दे देंगे ।
ऑपरेशन ‘पी’ के विशेषज्ञ की सक्रियता ने इस बात को पुष्ट किया है। क्योंकि हमने देखा ही है कि अभी तक विशेषज्ञ महोदय अधिकांश समय आराम ही फरमा रहे थे, इसलिए तो जिला पंचायत में इनकी नजर अपने समर्थक मरीजों पर नहीं रही और अब इलाज के लिए प्रतिद्वंदी के मरीजों पर वे अपनी लार टपका रहे हैं।