बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) के बीकाम अंतिम वर्ष के नियमित और स्वाध्यायी परीक्षार्थियों का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया है। ओपन बुक पैटर्न पर जून में यह परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। हैरत की बात तो यह है कि ओपन बुक पैटर्न पर आयोजित परीक्षा में भी परीक्षार्थी फेल हो गए। जब इस मामले की पड़ताल की गई तो सामने आया कि फेल किए गए परीक्षार्थी ऐसे थे, जिन्होंने अपनी उत्तरपुस्तिका में अभिनेता शाहरुख खान की फिल्म डॉन और विक्रम-बेताल के किस्से लिख दिए थे। जबकि इस संबंध में विवि प्रबंधन ने कोई सवाल ही नहीं पूछा था। परीक्षार्थी यहां तक ही नहीं रुके एमबीए की परीक्षा में तो एक परीक्षार्थी ने उत्तर की जगह गाइड के पेज की फोटो कॉपी चिपकाकर बीयू भेज दी थी। ऐसे सभी विद्यार्थी विवि की छवि धूमिल कर रहे हैं। यह सोचकर प्रोफेसरों ने इस तरह के उत्तर पर शून्य अंक दिए हैं।
दरअसल, बीयू ने बीकॉम अंतिम वर्ष के नियमित और प्राइवेट विद्यार्थियों के रिजल्ट जारी किए हैं। इस परीक्षा में 15 हजार नियमित और 1600 स्वाध्यायी परीक्षार्थी शामिल हुए। इस परीक्षा का रिजल्ट नियमित परीक्षार्थियों का 99.85 और स्वाध्यायी का 99.18 फीसद रहा। शेष परीक्षार्थी उचित जवाब न लिखने के कारण फेल कर दिए गए हैं।प्रोफेसरों ने बीयू प्रबंधन को परीक्षार्थियों के कारनामों से करवाया अवगत
प्रोफेसरों ने मूल्यांकन के दौरान परीक्षार्थियों द्वारा किए गए कारनामों से बीयू अधिकारियों को सूचित किया है। तब अधिकारियों ने कहा कि विद्यार्थियों ने जो किया है, उन्हें उसके तहत ही अंक आवंटित किए जाएं। प्रोफेसरों ने उन्हें जीरो अंक आवंटित किये हैं। अधिकारियों का कहना है कि ओपन बुक एग्जाम में रिजल्ट शत प्रतिशत आना चाहिए था, लेकिन विद्यार्थियों की कारस्तानी के चलते बीयू की छवि खराब हुई है। बता दें कि बीयू ने बुधवार को आधा दर्जन परीक्षाओं के रिजल्ट जारी किए। इसमें एमए अरबिक सीबीसीएस में 100 प्रतिशत, डिप्लोमा योग 94.12, इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्यूनिकेशन 87.50 और मेकेनिकल में 78.13 फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं। शेष विद्यार्थी ओपन बुक सिस्टम में किताबों से उचित जवाब खोजकर नहीं लिखने के कारण फेल हुए हैं।
जिन परीक्षार्थियों ने उत्तर के स्थान पर अनुचित उत्तर लिखें है। उन्हें उसी तरह अंक आवंटित किए जाने के लिए प्रोफेसरों को निर्देश दिए गए थे। इसके चलते कुछ परीक्षार्थी फेल भी हुए हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि उनके उत्तर से प्रोफेसर संतुष्ट नहीं हुए।-डॉ. हरिहर शरण त्रिपाठी, रजिस्ट्रार, बीयू