जनपद पंचायत कटंगी में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन की प्रक्रिया गुरुवार को जनपद पंचायत कार्यालय परिसर में संपन्न हुई. कांग्रेस पार्टी की समर्थित प्रत्याशी कविता अरविंद देशमुख ने 3 मतों से जीत हासिल की जिसके साथ ही कटंगी जनपद अब कांग्रेस के कब्जे में आ गई है. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पूरनलाल चौधरी अध्यक्ष पद के अधिकृत प्रत्याशी थे. 25 जनपद सदस्यों वाली जनपद पंचायत कटंगी में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी कविता देशमुख को कुल 14 मत मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी को 11 मत मिले है. ज्ञात रहे कि जनपद पंचायत सदस्यों के लिए हुए चुनाव में भाजपा के 11 कांग्रेस के 11 कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी समर्थित एक तथा दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी. ऐसे में जनपद पंचायत कटंगी में अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर काफी कशमकश चल रही थी. वही आज चुनाव के बाद परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आया. कांग्रेस ने जनपद में जीत हासिल कर अपना अध्यक्ष बना लिया है. वहीं कांग्रेस के भानुप्रताप पटले ने 13 मत लेकर उपाध्यक्ष पद पर अपना कब्जा जमाया है. जनपद पंचायत में कब्जा करने के बाद कांग्रेस पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने सड़क पर आतिशबाजी कर जीत का जश्न मनाया. निर्वाचन की प्रक्रिया निर्वाचन अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी कामनी ठाकुर एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी तहसीलदार शैलेन्द्र कुमार राय, नायब तहसील रायसिंह कुसराम की उपस्थिती में संपन्न हुई. वहीं चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कटंगी, तिरोड़ी, रामपायली, खैरलांजी और बालाघाट की पुलिस साथ में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस माणिकमणी कुमावत मौजूद रही।
निर्वाचन के पूर्व भाजपा और कांग्रेस ने किया विवाद
जनपद पंचायत कटंगी में अध्यक्ष पद के निर्वाचन की प्रक्रिया के पूर्व भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनैतिक दल के पदाधिकारियों ने पुलिस प्रशासन के साथ विवाद किया. पहला विवाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने उस वक्त किया जब पुलिस ने सभी को जनपद पंचायत परिसर से दूर जाने के लिए कहा. पुलिस के दो अधिकारियों ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा नेता रेखा बिसेन को जब परिसर से दूर जाने के लिए कहा तो भाजपाई भड़क गए. इस मामले को शांत कराने के बाद फिर कांग्रेसियों ने पुलिस के साथ जुबानी जंग शुरू कर दी. कांग्रेसियों का आरोप था कि पुलिस प्रशासन सत्ता पक्ष के दबाव में आकर काम कर रहा है. दरअसल, पूरा मामला जनपद पंचायत अध्यक्ष पद के निर्वाचन प्रक्रिया के बीच जनपद सदस्य प्रमिला परिहार के पुत्र के परिसर में दाखिल होने पर शुरू हुआ था. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने प्रमिला परिहार के पुत्र को पैसों का लालच देकर और डरा-धमकाकर मतदान को प्रभावित करने के लिए उसे अंदर भेजा. हालांकि पुलिस का कहना आया कि उनके पुत्र की जनपद सदस्य से मुलाकात नहीं हुई इस पूरी घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए सभी को जनपद कार्यालय परिसर से बाहर खदेड़ दिया.।
पत्नि निरक्षर पति ने किया मतदान
जनपद पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया में निरक्षर महिला जनपद सदस्य के स्थान पर उनके पति द्वारा मतदान कराए जाने को लेकर भी कांग्रेस ने जमकर हल्ला किया. गोरेघाट क्षेत्र से भाजपा ने महिला जनपद सदस्य चुनकर आई है. ऐसे में उन्होनें आज अध्यक्ष पद के लिए मतदान में अपने पति का सहयोग लिया जिस बात का कांग्रेसियों ने जमकर विरोध जताया. मतदान प्रक्रिया के दौरान प्रेमलाल उइके बाहर थे जब उन्हें मतदान के लिए अंदर लाया जाना था तो कांग्रेसियों ने उन्हें गेट में ही घेर लिया. जिसके बाद एसडीएम और तहसीलदार को समझाईस देने के लिए बाहर निकलकर आना पड़ा लेकिन कांग्रेसी तब भी नहीं माने और बाद में वकील को लाया गया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वकील से चर्चा करने के बाद प्रेमलाल उइके को मतदान के लिए जाने दिया।
के.डी.देशमुख मुर्दाबाद के लगे नारे
भाजपा समर्थित अध्यक्ष पद के प्रत्याशी पूरनलाल चौधरी की हार के बाद भाजपा के पदाधिकारियों ने अपनी ही पार्टी के पूर्व सांसद एवं पूर्व विधायक के.डी.देशमुख मुर्दाबाद के नारे लगाए. जनपद पंचायत परिसर के बाहर और पूर्व सांसद निवास के सामने सड़क पर खड़े होकर भाजपा पदाधिकारियों की यह नारेबाजी भाजपा के भीतर चल रही गुटबाजी को प्रदर्शित कर रही है. दरअसल, भाजपा के कई स्थानीय नेता भाजपा की हार की वजह पूर्व सांसद के.डी.देशमुख को मान रहे है. भाजपाईयों का आरोप है कि दो जनपद सदस्यों ने पार्टी से हटकर मतदान किया जिस कारण भाजपा की हार और कांग्रेस की जीत हुई है।