करवा चौथ से दो दिन पहले दो साल से अलग रह रहे पति-पत्नी हुए एक

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करवा चौथ से ठीक दो दिन पहले दो साल से अलग-अलग रहे पति-पत्नी एक बार फिर साथ रहने के लिए राजी हो गए। अब रविवार को पत्नी, पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखेगी और चांद को देखकर व्रत तोड़ेगी। यह संभव हुआ कुटुंब न्यायालय द्वारा दिए गए सुझाव के कारण। शासकीय सेवा में कार्यरत पति की मां की दखल अंदाजी के कारण परिवार में ऐसे हालात बने कि पत्नी को दो साल पहले घर छोड़कर जाना पड़ा। बात इतनी बिगड़ गई कि पत्नी ने थाने पहुंच गई। प्रताड़ना सहित अन्य केस लगाए। पति के स्वजनों को भी पत्नी की शिकायत पर थाने तक जाना पड़ा।

इन दोनों का झगड़ा कुटुंब न्यायालय में पहुंच गया। पति ने कोर्ट में पत्नी को वापस बुलाने और बेटी की के पालन पोषण की अनुमति मांगी थी। जबकि पत्नी ने भरण पोषण मांगा था। कोर्ट ने फैसला देने से पहले पति-पत्नी की काउंसलिंग की और कुछ समय साथ रहने का सुझाव दिया। नौ अक्टूबर को दोनों को एक साथ रहने की सलाह दी। दोनों 13 दिन साथ रहे। 22 अक्टूबर को जब दंपती एक बार फिर कोर्ट पहुंचे तो पत्नी-पत्नी के बीच जो गिले शिकवे थे, वह दूर हो गए। एक दूसरे के खिलाफ जो केस लगाए थे, वह वापस ले लिए। पत्नी ने ससुराल में होने वाली परेशानियों को बताया जिसका हल निकालने के लिए पति सहमत हो गया। इसके बाद दोनों राजी-खुशी एक साथ रवाना हो गए। अभी तक पति का फोटो देखकर करवा चौथ का व्रत तोड़ती थी, लेकिन अब चेहरा देखकर व्रत तोड़ेगी।

इन शर्तों पर हुआ समझौता

– घर में सास का ज्यादा हस्तक्षेप था। सास पर प्रताड़ना का अारोप लगाती थी। अब सास घर में हस्तक्षेप नहीं करेगी।

– पति खर्चे के लिए पैसे नहीं देता था। खर्चे के लिए पर्याप्त पैसा देगा।

– बेटी का अच्छे स्कूल में एडमीशन कराएगा।

पांच साल से फोटे देखकर खोल रही थी व्रत, अब पति के साथ मनाएगी करवा चौथ

कुटुंब न्यायालय के काउंसलर हरीश दीवान व बबीता दीवान ने पांच साल से अलग रह रहे पति पत्नी के बीच चल रहे मनमुटाव को खत्म कर दिया। अब पत्नी पति को देखकर ही करवा चौथ का व्रत तोड़ेगी। अभी तक पति का फोटो देखकर पत्नी अपना करवा चौथ का व्रत तोड़ती थी। काउंसलर हरीश दीवान ने बताया कि सुनीता का विवाह शिवपुरी के किसन के साथ 2013 में हुआ था। विवाह के बाद घर में विवाद होने लगा। 2016 में अपने तीन साल के बेटे के साथ मायके चली गई। पति-पत्नी अलग रह रहे थे, लेकिन मायके में रहने के बाद भी सुनीता ने अपना पत्नी धर्म नहीं छोड़ा। हर साल करवा चौथ का व्रत रखती थी। पति का फोटो देखकर अपना व्रत तोड़ती थी। लेकिन सुनीता व उसके पति किशन ने काउंसलर से संपर्क किया। ग्वालियर से दोनों की आन लाइन काउंसलिंग की। पत्नी को बबीता दीवान ने समझाया और पति को हरीश दीवान ने। इन दोनों के साथ समझाने के बाद पांच साल से जो विवाद चल रहे थे वह खत्म हो गए। पति ने पत्नी को वापस बुला लिया।

इनका है

पति-पत्नी के बीच जो शिकायत थी, वह दूर हो गई है। साथ रहने के बाद दोनों कोर्ट को अपने अनुभव बताए। भरण पोषण, पत्नी को वापस बुलाने व बेटी की कस्टडी के केस वापसले लिए हैं। करवा चौथ पर पति का चेहरा देखकर व्रत खोल सकेगी।

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