ग्राम पंचायत कायदी में शासन की शमसान भूमि पर पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा शासकीय प्राथमिक अस्पताल का निर्माण किया जा जा रहा हैं। यह कार्य ठेकेदार के मार्फत करवाया जा रहा हैं। जबकि इस कार्य का विरोध ग्रामीण जनता कर रही हैं। जिनका कहना हैं कि जिस स्थल पर अस्पताल का निर्माण हो रहा हैं वो शमसान की भूमि हैं। ऐसे में हम शव का अंतिम संस्कार किस स्थल पर करेंगे। जबकि अस्पताल निर्माण के लिये पंचायत की तरफ से स्कूल के पीछे स्थित तालाब की भूमि का आवंटन किया हैं। मगर अस्पताल का निर्माण शमसान भूमि पर लगभग २५ प्रतिशत के करीब हो गया हैं। जिसे रोके जाने के लिये पूर्व समय ग्रामीणों ने कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंपा था मगर संबंधित ठेकेदार ने कार्य को नही रोका हैं। बल्कि कार्य अभी भी जारी हैं।
शमसान भूमि पर न हो किसी प्रकार का निर्माण – हेमंत नगपुरे
इस संबंध में पद्मेश को जानकारी देते हुये ग्रामीण हेमंत नगपुरे ने बताया कि जिस स्थान पर अस्पताल का निर्माण हो रहा हैं। वो शमसान भूमि हैं। पंचायत ने किसी और स्थल पर इन्हे शासकीय अस्पताल बनाने के लिये जगह दी थी। मगर ठेकेदार द्वारा शमसान भूमि पर ही अस्पताल का निर्माण कर दिया गया हैं। जिसका विरोध हम ग्रामीणजन कर रहे हैं। हम यही चाहते हैं कि यह शमसान की भूमि हैं अगर अस्पताल बन जायेगा तो हम शव का अंतिम संस्कार किस स्थान पर करेंगे। हम यही चाहते हैं कि इस कार्य पर रोक लगे। ताकि शमसान भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण न हो।
अस्पताल निर्माण के लिये ग्राम तालाब के पास की गई थी भूमि आवंटित – मनोज सहारे
वही ग्रामीण मनोज सहारे ने पद्मेश को बताया कि पंचायत की तरफ से ग्राम के तालाब के करीब अस्पताल बनाने पंचायत ने पीडब्ल्यूडी विभाग को भूमि का आवंटन किया हैं। मगर पंचायत की तरफ से दी गई भूमि पर अस्पताल का निर्माण संबंधित ठेकेदार द्वारा न करवाकर शमसान भूमि जो शासकीय स्कूल के बाजू में हैं उस स्थान पर अस्पताल का निर्माण किया जा रहा हैं। इसी बात का विरोध हम ग्रामीणजन कर रहे हैं कि जो भूमि आवंटन हुई हैं उस स्थान पर ही अस्पताल का निर्माण हो ताकि हम लोगों को अंतिम संस्कार में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। यही हमारी मांग हैं। हमारे कुछ ग्रामीणों ने कलेक्टर साहब से भी इस कार्य को रोके जाने की मांग की हैं।
अस्पताल के साथ ही बनेंगे स्वास्थ कर्मी व अधिकारियों के निवास – अमित विश्वकर्मा
वही इस कार्य में देखरेख कर रहे सुपरवाईजर अमित विश्वकर्मा ने पद्मेश को बताया कि ग्राम पंचायत की और से यह भूमि हमें सरपंच ने दी थी। ताकि शासकीय प्राथमिक अस्पताल बन सके। करीब आधा कार्य हो चुका हैं। लगभग एक करोड़ की संभवता राशी शासन सेे इस कार्य के लिये स्वीकृत हुई हैं। अब ग्रामीणजन व ग्राम पंचायत की और से इस कार्य का विरोध हो रहा हैं। मगर कार्य रूक नही सकता हैं क्योंकि यह शासकीय कार्य हैं। अगर हमें ग्राम पंचायत यह भूमि का आवंटन नहीं करती तो यह कार्य हम कैसे करा सकते थे। श्री विश्वकर्मा ने बताया कि इस स्थल पर अस्पताल के साथ ही स्वास्थ कर्मी व अधिकारियों के निवास भी बनेंगे।
टाकी तालाब के पास दी गई थी अस्पताल निर्माण के लिये जमीन – जितेन्द्र नगरगड़े
वही जब इस संबंध में ग्राम पंचायत कायदी सरपंच प्रतिनिधि जितेन्द्र नगरगड़े से पद्मेश ने चर्चा की तो उन्होने बताया कि हमने इन्हे ग्राम के टाकी तालाब के तरफ जगह प्रदान शासन के आदेश पर की थी। मगर पीडब्ल्डृी विभाग ने जिस ठेकेदार को यह ठेका दिया हैं उन्होने शमसान भूमि पर ही शासकीय प्राथमिक अस्पताल का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया हैं। हमने इसकी शिकायत कलेक्टर महोदय से की हैं। वही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व वारासिवनी को भी इस बारे में मौखिक रूप से जानकारी दी गई हैं। हमने ग्राम पंचायत के माध्यम से ग्राम सभा में एक प्रस्ताव लेकर इन्हे खसरा नं.८५९ के तहत आने वाली शासकीय भूमि। जो करीब १ एकड़ थी। जिसे हमने चिन्हाकिंत की थी। मगर उस स्थान पर अस्पताल का निर्माण न कर यह शमसान भूमि पर पीडब्ल्यूडी विभाग व संबंधित ठेकेदार निर्माण करवा रहे हैं जो अनुचित हैं जिसका हम ग्रामीणों के साथ विरोध करेंगे।
नही हो पाया दूरभाष पर संपर्क
जब इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुश्री कामनी ठाकुर से जब दूरभाष पर चर्चा करनी चाही गई तो उनसे संपर्क स्थापित नहीं हुआ।