कायदी सरपंच पर की गई धारा 40 की कार्यवाही स्थगित

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जनपद पंचायत वारासिवनी के अंतर्गत आने वाले ग्राम कायदी में सरपंच श्रीमती रेखा जितेंद्र नगरगडे को जबलपुर कमिश्नर न्यायालय से राहत मिली है. जहां कायदी पंचायत सरपंच श्रीमती रेखा नगरगड़े के प्रकरण पर सुनवाई करते हुए कमिश्नर न्यायालय जबलपुर ने कायदी की सरपंच पर की गई धारा 40 की कार्यवाही पर स्थगन के आदेश जारी किए हैं. आपको बताएं कि स्थानीय प्रशासन जिला पंचायत सीईओ ने अनियमितता सहित अन्य मामलों के आरोप में कायदी सरपंच पर धारा 40 के तहत कार्यवाही कर उन्हें पद से पृथक करने के आदेश जारी किया था.जिन्हें पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत पद से हटाया गया था.वही प्राप्त शिकायतों की जांच की जा रही थी.जहां प्रशासनिक अधिकारी द्वारा की गई इस कार्यवाही के खिलाफ जिला सरपंच संघ के सहयोग से कायदी सरपंच श्रीमती रेखा जितेंद्र नगरगड़े ने कमिश्नर न्यायालय जबलपुर में एक याचिका लगाई थी.जिस पर सुनवाई करते हुए कमिश्नर न्यायालय ने 6 मार्च के जिला पंचायत सीईओ द्वारा धारा 40 की कार्यवाही के स्थगन आदेश जारी किए हैं. जिस पर जिला सरपंच संघ ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए सरपंचों के हक अधिकार की लड़ाई हमेशा लड़ने की बात कही है.

सरपंच सचिव को पद से हटाकर ,6 वर्षों के लिए किया था अयोग्य
ज्ञात हो कि विगत दिनों मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम.1993 की धाराओ के तहत न्यायालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी (विहित प्राधिकारी) जिला पंचायत द्वारा ग्राम पंचायत कायदी के सरपंच श्रीमती रेखा नगरगड़े और उपसरपंच संजय माहुले को ना केवल पद से पृथक करने का आदेश दिया है। बल्कि 6 साल की कालावधि के लिए आयोग्य भी घोषित कर दिया था.

क्या है पुरा मामला
बताया जा रहा है कि सरपंच पर की गई कार्यवाही सामुदायिक चारागाह, पोषण वाटिका, खेत तालाब कार्य प्रारंभ नहीं करने के कारण मजदूरों को रोजगार प्रदाय नहीं किया जा सका। वहीं वरिष्ठ कार्यालय द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशों के बाद भी पंचायत के निर्माण कार्य नहीं कराये जाने का दोषी पाया गया। जिस पर न्यायालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी (विहित प्राधिकारी) जिला पंचायत द्वारा सरपंच रेखा नगरगढ़े को पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1983 की धारा 48 के अधीन बनाये गये ग्राम पंचायत सरपंच एवं उपसरपंच की शक्तियों एवं कृत्य का उल्ल्लंघन पर धारा 40 (क) के तहत कर्तव्य निर्वहन में दोषी पाये जाने पर तत्काल पद से पृथक करने और आगामी 6 वर्ष की कालावधि के लिए निरर्हित घोषित किये जाने का आदेश जारी किया गया है। जिसके खिलाफ सरपंच रेखा नगरगढ़़े की ओर से जारी आदेश के पर विद्धान अभिभाषक सुश्री वर्षा कोठारी द्वारा अपील कमिश्नर कार्यालय में की गई थी। जिसमें कमिश्नर न्यायालय में अभिभाषक द्वारा तर्क रखा गया। जिसे सुनने के उपरांत प्रकरण को विचारार्थ रखा गया है। जिसमें सरपंच को हटाने के आदेश के क्रियान्वयन को स्थगित किये जाने के लिए आवेदन प्रत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारोपरांत प्रकरण के निराकरण होने तक आदेश के क्रियान्वन पर स्थगन दिया है। जिस पर जिला सरपंच संघ जाहिर करते हुए इसे इंसाफ की जीत बताया है.

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