जिला मुख्यालय से लगे से वारासिवनी सर्किल के अंतर्गत आने वाले 9 गाँव के किसानों को रबी में धान की फसल उत्पादन के लिए पानी नहीं मिल रहा है। जिस कारण किसान परेशान है तो दूसरी और सिंचाई विभाग कि जिम्मेदार अधिकारी बताते हैं कि इस क्षेत्र के किसानों द्वारा धान की फसल के लिए पानी की मांग नहीं की गई इसलिए पानी नहीं दिया जाता।
आपको बता दें कि जिला मुख्यालय से लगे हुए वारासिवनी सर्किल की कायदी, रजेगांव, रेंगाटोला, पिपरिया, जागपुर, आलेझरी, भांडी, केरा, एकोडी गांव के किसानों से जब हमने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि डूटी नहर परियोजना के माध्यम से इन गांवों तक सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है।
क्षेत्र के किसान रबी के दौरान गेहूं और चना की फसल का उत्पादन करते हैं धान के लिए अब तक मांग नहीं आई इस कारण पानी नहीं दिया जाता वहीं दूसरी ओर जब हमने किसानों से चर्चा की तो भी कुछ इस तरह से जानकारी देते है।
रेंगाटोला पंचायत के निवासी जियालाल टेम्भरे से बताते हैं कि आसपास के गांव दो रबी की फसल में धान के लिए नहर से पानी नहीं दिया जाता। इस वर्ष बेमौसम बारिश की वजह से गेहूं की फसल खराब हो गई जिस कारण किसानों को बहुत अधिक नुकसान हुआ। शासन यदि धान की फसल के लिए भी पानी दे तो क्षेत्र के किसानों की तस्वीर कुछ अलग होगी।
जागपुर निवासी टेकन लाल टेम्भरे के अनुसार गांव तक नहर तो है लेकिन गर्मी में धान के लिए पानी नहीं मिलता। वे बताते हैं कि 5 हजार एकड़ से अधिक की खेती के लिए पानी नहीं मिलता हालांकि वे बताते हैं कि किसानों द्वारा पहले कभी पानी की मांग की गई हूं लेकिन इस और सिंचाई विभाग ने ध्यान नहीं दिया। इसलिए अब केवल एक ही फसल लगाते हैं।
एकोडी निवासी चिरौंजी लाल पारधी बताते हैं कि प्रकृति की मार ऊपर से शासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जाना इस पर इस क्षेत्र में वन्य प्राणियों की भरमार होना किसानों के लिए परेशानी ही परेशानी है। ऐसे में क्या खरीब और क्या रबी की फसल लगाएं। यह समझ नहीं आ रहा। पानी मिल जाता तो किसान जरूर रबी में धान की फसल पर विचार कर लेता। फसल के उत्पादन से किसानों की तकदीर बदल जाती है।
जागपुर निवासी दिलीप बिसेन बताते है कि क्षेत्र में बड़े से बड़ा किसान सिंगल फसल उत्पादन की वजह से आज परेशान है। महंगाई के दौर में यदि डबल फसल उत्पादन होता तो बेरोजगारी कम हो जाती है। रबी की फसल में धान का दुगोला उत्पादन होता है उस पर खाद और खरपतवार दोनों ही कम लगते हैं जिससे किसानों का लाभ होता है।
सिंचाई विभाग के अधिकारी बताते हैं कि आज तक वारासिवनी सर्किल के इन 9 गांव के किसानों ने रबी की फसल में धान के उत्पादन के लिए पानी की मांग नहीं की यदि उनकी ओर से मांग जाएगी तो पानी देने पर विचार किया जाएगा।