वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत खंडवा के ग्रामीणों के द्वारा हाथों में धान के रोपे लेकर रैली के माध्यम से तहसील कार्यालय में उपस्थित हुए। जहाँ किसानो ने एसडीएम राजीव रंजन पांडे को ज्ञापन देकर राजीव सागर परियोजना से पानी की पूर्ति नहीं होने के कारण फ सल बर्बाद होने से बचाने पानी देने की मांग की गई। ज्ञापन में उल्लेखित है कि हम सभी ग्राम खण्डवा के निवासी है । राजीव सागर परियोजना के अंतर्गत हमें सिंचाई हेतु पानी मिलना चाहिए किंतु हमें इसकी आपूर्ति नहीं हो रही है। जिससे हमारी फ सलें सूख रही है और हमें भारी आर्थिक हानि हो रही है जिससे भारी संकट बना हुआ है। हम चाहते हैं कि सिंचाई हेतु पानी की आपूर्ति परियोजना के अंतर्गत हमें पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जाए ताकि हमारी फ सले बच सकें। वह भी अति शीघ्र व्यवस्था बनाई जानी चाहिए यदि पानी के आभाव में हमे फ सल नुकसान होता है तो पानी की कमी के कारण जिन किसानों की फ सले नष्ट होगी उन्हें प्रति एकड़ १५ क्विंटल की दर से मुआवजा दिया जायें। हमारे खेतों तक पानी पहुंचाने वाली नहर को पक्का सीमेंट कांक्रीट किया जाए, जिससे पानी की बर्बादी रुके और सभी किसानों को सिंचाई हेतु जल प्राप्त हो सके। यदि हमारी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया तो हमें अपने हक के लिए बड़े स्तर पर आंदोलने करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
रैली निकाल कर प्रशासन के खिलाफ की गई नारेबाजी
ग्राम खंडवा के ग्रामीणों के द्वारा अपनी फ सल की दुर्दशा को देखते हुए ग्राम से पैदल रैली निकाली गई। यह रैली में लोगों के द्वारा अपने हाथों में फ सल के रोपे को पकड़ कर जमकर नारेबाजी करते हुए नगर में पहुंचे। जहां कटंगी रोड, परशुराम चौक ,नेहरू चौक ,जय स्तंभ चौक ,बस स्टैंड होते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा हम अपना अधिकार मांगते ना किसी से भीख मांगते, खेती के लिए पानी दो पानी दो, अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है जैसे विभिन्न प्रकार के नारेबाजी की जाती रही। वहीं समस्या का त्वरित निराकरण नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई।
सिंचाई विभाग ने गांव में मुनादी की थी जिस पर खेती लगाई गई-रितेश देशमुख
किसान रितेश देशमुख ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि हमारे गांव में नहर का पानी नहीं आ रहा है। ३०० एकड़ भूमि में किसानों ने रबी की फ सल लगाई है सिंचाई विभाग ने गांव में मुनादी की थी जिस पर खेती लगाई गई है। अभी पानी नहीं मिल रहा है पूरी फ सल सुख रही है यदि यह पानी नहीं दे पाते हैं तो फ सल जो लगी है उसका उचित मुआवजा दें। खेती करने सिंचाई विभाग ने मुनादी करवाई थी की रबी की फ सल वाले खेती करें। वह पानी का पैसा लेते हैं प्रति एकड़ ३०० से ४०० रुपये प्रति एकड़ देना होता है। भले फसल बचे ना बचे हम खंडवा से सभी लोग आए हैं। १५ दिनों से पानी नहीं मिल रहा है हम चाहते है कि हमें पानी दे या १५ क्विंटल प्रति एकड़ का मुआवजा दें।
तीन दिन में पानी नही मिला तो एसडीएम कार्यालय में आमरण अनशन करेंगे-सुरेन्द्र राहगंडाले
किसान सुरेन्द्र राहगंडाले ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि हमारे द्वारा पूर्व में शिकायत की गई थी। उसके बाद एसडीम हमारे क्षेत्र में जाकर निरीक्षण किये थे यह तीसरी बार हम लोग मजबूरी में गांव की जनता के साथ यहां पर हमें आना पड़ा है। इस बार भी हमें एसडीएम समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दे रहे हैं फसल की हालत हमारी बहुत ज्यादा खराब है। तीन दिन में उसे पानी नहीं मिला तो सुख जाएगी यदि प्रशासन समय रहते पानी दे देता है तो उसे जीवनदान मिल सकता है। वह भी तब संभव है जब प्रशासन अपने कान खोलकर इस विषय में गंभीरता से ध्यान देगा होगा। प्रशासन यदि नहीं सुनता है और कोई दिक्कत होती है तो हम सभी यहां आकर आमरण अनशन आंदोलन करेंगे।
खेती लगाने दिया पानी तो अभी भी मिलना चाहिये-महिपाल नागेश्वर
किसान महिपाल नागेश्वर ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि हमारी खेती जब लगाई गई थी तब हमें पानी दिया गया था। होली के बाद से पानी पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है एक बूंद पानी खेत में नहीं मिला है यदि यह समय पर नहीं मिला तो पूरी फ सल खराब हो जाएगी। हमारी लागत नुकसानी में बदल जाएगी वर्तमान में फ सल गर्भ पर आ गई है यदि फ सल मरती है तो हमें बहुत ज्यादा नुकसान होगा। हम लोगो ने बडी समस्या और मुसीबत से रबी की फ सल लगाए हैं । किसी किसान ने कर्ज लिया है तो किसी ने अपना जेवर गिरवी रखा है तब जाकर यह फसल लगी है। अगर पानी के कारण यह बचती है तो ठीक है वरना हमारे दोनों हाथ खाली है कुछ नहीं बचेगा इसलिए हम इतना मेहनत कर रहे हैं कि हमें पानी मिले।