कृषि अधिकारियों की भर्ती परीक्षा में घपले के आरोप पर पीइबी ने दी सफाई

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 प्रदेश में कृषि अधिकारियों की भर्ती परीक्षा में कृषि स्नातक छात्रों ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है। इसे लेकर उन्होंने राज्य सरकार से जांच की मांग की है। इस मामले में घिरे प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीइबी) ने सफाई पेश की है। पीइबी द्वारा किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के तहत ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के 791 एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के 72 इस प्रकार कुल 863 पदों हेतु भर्ती परीक्षा का आयोजन 10 फरवरी और 11 फरवरी 2021 को कुल तीन पालियों में किया गया था। इस परीक्षा में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के लिए 19971 एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के लिए 8132 अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन किया गया था। यह परीक्षा मध्यप्रदेश के 13 शहरों के 57 परीक्षा केंद्रों में आयोजित की गई थी, जिसमें अभ्यर्थियों का उपस्थिति प्रतिशत 82.92 प्रतिशत रहा।

अगस्त 2015 से पीइबी द्वारा ऑनलाइन पद्धति से परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है और उसी समय से परीक्षा प्रणाली को और सुदृढ़, सुचितापूर्ण एवं पारदर्शी बनाए जाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में परीक्षा समाप्ति के समय ही अभ्यर्थियों को उनके सही उत्तरों की संख्या/अंक प्रदर्शित किए जाते हैं। पूर्ण परीक्षा की समाप्ति के बाद परीक्षा में आए प्रश्नों पर अभ्यर्थियों से आपत्तियां आमंत्रित की जाती हैं। नवंबर-2020 से यह प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से प्रारंभ की गई है। इसमें पीइबी के पोर्टल पर प्रदर्शित लिंक के माध्यम से केवल अभ्यर्थी अपना रोल नंबर, जन्मतिथि, परीक्षा तिथि और पाली को अंकित कर अपनी उत्तर पुस्तिका को मॉडल उत्तर कुंजी सहित देख सकता है और आपत्तिगत प्रश्नों पर ऑनलाइन अभ्यावेदन कर सकता है। इसके बाद आपत्तिगत प्रश्नों को विषय-विशेषज्ञों की कुंजी-समिति के समक्ष निर्णय के लिए रखा जाता है और समिति की अनुशंसा अनुसार निरस्त किए गए प्रश्नों/विकल्प परिवर्तन किए गए प्रश्नों के अनुसार अंकों में परिवर्तन किया जाता है। किसान कल्याण भर्ती परीक्षा के लिए प्रश्नों पर आपत्ति के लिए ऑनलाईन अभ्यावेदन प्रक्रिया 17 फरवरी 2021 से प्रारंभ की गई थी और सात दिन बाद 23 फरवरी 2021 को समाप्त की गई।

पीइबी द्वारा पालियों में आए प्रश्नों के कठिनता स्तर के अनुसार अंकों को समरूप करने के लिए परीक्षा परिणाम में नार्मलाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, जो एक सांख्यिकी सूत्र पर आधारित है। यह सांख्यिकी सूत्र उच्च न्यायालय, मध्यप्रदेश द्वारा पारित आदेशों में भी अधिमान्य किया गया है।

वर्तमान में इस परीक्षा के लिए विषय-विशेषज्ञों की कुंजी समिति की बैठक एवं नार्मलाइजेशन प्रक्रिया संपन्न नहीं हुई है। इसके बाद ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा। समाचार-पत्रों में उल्लेख हो रहा है कि पीइबी द्वारा परीक्षाओं का संचालन अन्य राज्यों में ब्लैकलिस्टेड एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है। इसके संबंध में पीइबी का कहना है कि पीइबी द्वारा अनुबंधित परीक्षा संचालन एजेंसी एवं प्रश्न-पत्र निर्माण एजेंसी का चयन पूर्णतः पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के तहत किया गया। इसमें एजेंसियों द्वारा ब्लैकलिस्ट नहीं होने संबंधी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया है। किसी एक विशेष क्षेत्र के अभ्यर्थियों को अधिक अंक प्राप्त होने के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इस बारे में पीइबी ने सफाई दी है कि परीक्षा से संबंधित समस्त डाटा, सीसीटीवी फुटेज और सर्वर लॉग डिटेल की जांच के लिए पीइबी द्वारा एमपीएसइडीसी से सहयोग प्राप्त किया जा रहा है। इनके द्वारा संपूर्ण परीक्षा संचालन प्रक्रिया और डाटा ट्रांसफर की प्रणालियों का भी परीक्षण किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट के बाद ही पीइबी द्वारा कृषि अधिकारियों की परीक्षा के परिणाम की घोषणा के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

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