भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने कैंसर मरीजों के लिए एक बड़ी सफलता हासिल की है। कीमो थेरेपी के दुष्प्रभाव से बचाने की नवीन तकनीकी विकसित की है। शोधकर्ताओं ने ऐसे अणुओं का विकास किया है। जो दवाओं को एकत्रित कर स्वयं कैप्सूल में बदल जाते हैं। कैप्सूल कैंसर से ग्रस्त कोशिकाओं से चिपक जाते हैं। जब बाहर से इंफ्रारेड प्रकाश डाला जाता है। तो कैप्सूल की खोल टूट जाती है। और उसमें एकत्र दवा कैंसर वाली कोशिकाओं को सीधे अपनी चपेट में ले लेती है।
आईआईटी गुवाहाटी के रसायन शास्त्र विभाग के प्रोफेसर देवाशीष मन्ना ने इस तकनीकी की जानकारी दी। वर्तमान तकनीकी में कीमोथेरेपी होने पर दूसरी स्वस्थ कोशिकाएं भी मर जाती हैं. इसके चलते कैंसर मरीज को कई अन्य दुष्प्रभाव को झेलना पड़ता है।