कैलाश रेंज में हमारी मजबूती से बौखलाया चीन:तवांग में हंगामा करने के बाद लद्दाख में सैनिक बढ़ा रहा

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अरुणाचल के तवांग सेक्टर में चीनी सेना के साथ हुई झड़प को लद्दाख सेक्टर से ध्यान भटकाने की कोशिश की तौर पर देखा जा रहा है। पूर्वी सेक्टर में घुसपैठ के बहाने चीन ने देपसांग, दमचौक और चुमर के उस ओर तैनात अपने 70 हजार सैनिकों को लॉजिस्टिक्स सपोर्ट देने के लिए सैन्य इन्फ्रास्टक्चर काे मजबूत बना लिया है।

सूत्रों के अनुसार चीनी सेना पिछले साल बनाए गए उन बफर जोंस के उस पार बैठने की तैयारी कर चुकी है, जहां से आमने-सामने की तैनाती लंबी बातचीत के बाद हटी थी। इन इलाकों में PLA ने बड़े पैमाने पर निगरानी ड्रोन लगाए हैं, ताकि भारत पर नजर रख सके।

दरअसल, PLA इस कोशिश में है कि कैलाश रेंज में तैनाती कर जिस तरह भारतीय सेना ने उसे मात दी थी, उसकी पुनरावृत्ति न हो। सूत्रों के मुताबिक चीन दूरगामी रणनीति के तहत यह खेल रच रहा है। चीन बार-बार विवाद खड़े कर रहा है। वह LAC को LOC जैसी स्थिति में बदलने की मंशा रखता है। जैसे भारत और पाकिस्तान की बीच की नियंत्रण रेखा है। यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं।

चीन की चालबाजी के 3 प्रमुख कारण

  • चीनी को लग गया है कि अगले एक दशक में दोनों के बीच आबादी-अर्थव्यवस्था का फासला खत्म हो जाएगा और भारत विश्व स्तर पर हर मामले में चीन को सीधी टक्कर देगा। ऐसे में भारत मजबूत होकर सीमा विवाद को अपने हक में निपटा सकेगा।
  • भारत ने सीमाई क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर न खड़ा करने की अपनी रणनीति बदल दी है। इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाकर भारत अब चीनी गतिविधियों को तुरंत पकड़ लेता है।
  • चीन सीमा विवाद पर चौधराहट दिखा दूसरे देशों को धमकाना चाहता है। इस तरह वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सैन्य ताकत बढ़ी हुई दिखाना चाहता है।

LAC पर 23 क्षेत्र विवादित हैं, इनमें 13 सामरिक महत्वपूर्ण

  • भारत-चीन LAC पर विवाद के 23 क्षेत्र हैं, जिनमें से 13 प्रमुख हैं। लद्दाख सेक्टर में 7 विवादित इलाकों में चीन 5 क्षेत्रों में सामरिक दृष्टि से कमजोर है।
  • 6 विवादित क्षेत्र पूर्वी सेक्टर में हैं। 1962 की जंग के बाद वापसी करने पर PLA ऊंचाई वाले स्थानों पर लौट गई थी।
  • पिछले साल लद्दाख के 5 विवादित क्षेत्रों को बफर जोन बनाया गया। इससे LAC की स्थिति LOC जैसी हो गई, क्योंकि यहां बफर जोन में गश्त नहीं होती।

तवांग झड़प के बाद 17वें दौर की बातचीत, गतिरोध कायम
तवांग में 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों से झड़प के बाद पहली बार दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की 17वें दौर की बैठक हुई। बैठक 20 दिसंबर को चुशुल-मोल्दो सीमा पर चीन की तरफ हुई। दोनों पक्षों की तरफ से पश्चिमी क्षेत्र LAC पर शांति और सुरक्षा बनाए रखने पर सहमति बनी है। दोनों पक्षों ने आपसी संपर्क और सैन्य-राजनयिक चैनलों से बातचीत पर सहमति जताई। साथ ही शेष मुद्दों के जल्द परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर राजी हुए।

सीमा विवाद पर विपक्ष चर्चा पर अड़ा, संसद में 12वें दिन भी हंगामा
चीन के साथ सीमा विवाद पर विपक्ष की चर्चा की मांग को लेकर गुरुवार को पूरे दिन लोकसभा में गतिरोध बना रहा। विपक्षी सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के चलते लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

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