
सावधानी ही बेहतरीन इलाज है, इसी फार्मूले पर अमल करके शहरवासियों ने तीसरी लहर का सामना किया और बिना किसी क्षति और लॉकडाउन के जीत हासिल की. लेकिन तीसरी लहर के बाद जिस तरह की लापरवाही शासन, प्रशासन और जनता के द्वारा की जा रही है. उसके आने वाले दिनों में गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं. शून्य पर पहुंचने के बाद सक्रीय केस फिर अब बढ़ने लगे हैं. मौत का आंकड़ा भी सिर उठा रहा है. विशेषज्ञ चौथी लहर की चेतावनी दे रहे हैं. लेकिन शहर में सड़क से लेकर अस्पताल तक हर जगह लापरवाही चरम हैं. हालत यह है की सेम्पिलिंग से लेकर वैक्सीनेशन सभी प्रभावित हो चुके हैं. आज कोरोना टीकाकरण महाअभियान स्कूली बच्चों तक सीमित रह गया है। हेल्थ केयर व प्रंâट लाइन वर्कर्स के अलावा अन्य वर्ग के हितग्राही वैक्सीन का दूसरा व तीसरा डोज लगवाने में लापरवाही कर रहे हैं।
ठप्प हो गई व्यवस्थाएं………
जिले में बनाई गर्इं ५४ फीवर क्लीनिक में व्यवस्थाएं पूरी तरह ठप्प हैं. कोरोना महामारी के दौरान अस्थायी रूप से सेवा में लिए गए चिकित्सकों व अन्य अमले को हटाया जा चुका है. जिसके चलते क्लिनिकों आरटीपीसीआर सैंपलिंग में कम हो गई है. बीते १० दिन में ऐसे हालात बने हैं कि सैंपलिंग १००-२०० के आंकड़े में सिमटकर रह गई। यह आंकड़ प्रशासन की गंभीरता और स्वास्थ्य विभाग की तैयारी को बताने के लिये काफी है.