राजधानी में गुरुवार को कोरोना के 11 नए मरीज मिले, वहीं एक महिला की मौत हो गई। चालीस साल की महिला का यहां चिरायु अस्पताल में इलाज चल रहा था। उसका 31 अगस्त से यहां पर इलाज चल रहा था। अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि संक्रमण फेंफड़ों तक पहुंच गया था। महिला के दोनों फेफड़े खराब हो गए थे, इसलिए उसे बचाया नहीं जा सका। चिरायु अस्पताल के डाक्टरों ने बताया कि महिला को कोरोनारोधी टीका की दोनों डोज लग चुकी थी। उधर, भोपाल में गुरुवार को कोरोना के 11 नए मरीज मिले हैं। जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 76 है। प्रदेश में 259 सक्रिय मरीज हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुरुवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार बुधवार को प्रदेश में कोरोना के 6202 सैंपल की जांच में 38 मरीज मिले हैं। अभी सबसे ज्यादा मरीज भोपाल में ही मिल रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि भले ही कोरोना का प्रकोप फिलहाल कम हो, लेकिन सतर्कता जरूरी है। अब कोरोना के ज्यादातर मरीजों में संक्रमण गंभीर रूप नहीं ले रहा तो इसकी प्रमुख वजह यही है कि अधिकांश लोगों को कोरोनारोधी टीके की दोनों डोज लग चुकी हैं। फिलहाल 18 साल से ऊपर के लोगो को मुफ्त सतर्कता डोज लगाई जा रही है। कोरोना के प्रति इम्युनिटी कमजोर न हो, इसलिए जल्द से जल्द सतर्कता डोज भी लगवा लेना बेहतर है। उधर, हमीदिया अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन खराब होने की वजह से पिछले चार दिन से पेट का स्कैन नहीं हो पा रहा है। इस वजह से मरीज परेशान हो रहे हैं। ट्रेन से गिरने की वजह से गुरुवार को एक महिला और उसका 15 साल का सचिन नामक बच्चा घायल हो गया था। दोनों को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन बच्चे के पेट का सीटी स्कैन नहीं होने की वजह से उसका ठीक से इलाज नहीं हो पा रहा है। बच्चे के सिर का सीटी स्कैन भी इस कारण नहीं किया गया है कि पेट और सी दोनों की एक साथ की जानी है। उधर, हमीदिया अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ पेट की सीटी स्कैन नहीं हो पा रही है। इंजीनियरों की टीम गुरुवार देर रात तक मरम्मत में जुटी रही।