कोविड-19 के संबंध में भारत में सबसे अधिक दी गई गलत सूचना, स्टडी में खुलासा

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एक नए रिचर्स के अनुसार भारत नें हाई इंटरनेट पहुंच दर, सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल और उपयोगकर्ताओं में इंटरनेट के ज्ञान की कमी के कारण सोशल मीडिया पर कोविड-19 पर सबसे अधिक गलत जानकारियां दी गई हैं। यह अध्ययन सेज इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ लाइब्रेरी एसोसिएशंस एंड इंस्टीट्यूशंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसका शीर्षक प्रिवलेंस एंड सोर्स एनलाइसिस ऑफ कोविड-19 मिसइंर्फोमेशन इन 138 कंट्रीज है।

स्टडी में 138 देशों में प्रकाशित हुई 9657 गलत जानकारियों का विश्लेषण किया गया। विभिन्न देशों में गलत सूचना के प्रसार और स्त्रोतों को समझने के लिए 94 संगठनों ने उनके तथ्यों की जांच की। अध्ययन में कहा गया है कि सभी देशों में से, भारत में सोशल मीडिया पर सबसे अधिक 18.07 प्रतिशत गलत जानकारियां दी गई। जिसका कारण देश में उच्च इंटरनेट पहुंच दर, सोशल मीडिया के इस्तेमाल में बढ़ोतरी और इंटरनेट साक्षरता की कमी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के बाद अमेरिका दूसरे, ब्राजील तीसरे और स्पेन चौथा फेक न्यूज प्रभावित देश हैं

परिणामों के आधार पर स्टडी में कहा गया है कि कोविड-19 गलत सूचना के प्रसार का वैश्विक महामारी की स्थिति में संबंध हो सकता है। अध्ययन में कहा गया कि सोशल मीडिया पर 84.94 प्रतिशत गलत सूचना पैदा करता है। जबकि इंटरनेट 90.5 फीसद गलत सूचनाओं के लिए जिम्मेदार है। वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में सिर्फ फेसबुक के जरिए 66.87 प्रतिशत फेक न्यूज दी गई।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इससे पहले चेतावनी दी थी। कहा था कि कोरोना वायरस पर गलत जानकारी फैल रही है। यह लोगों के जान से खिलवाड़ है। डब्ल्यूएचओ ने लोगों से निवेदन किया था कि जो कुछ भी सुनने, उसे विश्वसनीय स्त्रोतों से दोबारा जांचें।

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