वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कोस्ते से आमाटोला मार्ग अधूरा निर्माण पड़ा हुआ है। मार्ग पर से आवागमन कर रहे लोगों को मार्ग की जर्जर अवस्था के कारण कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दुर्घटना होने की संभावना भी बनी हुई है। जहां पर कोस्ते की तरफ जंगल तक डामर मार्ग का निर्माण किया गया है जिसके बाद आमाटोला तक पूरा कच्चा मार्ग होने से मार्ग पर चलना मुश्किल हो गया है। जहां बरसात में विकराल समस्या उत्पन्न हो जाती है ऐसे में मार्ग का संपूर्ण निर्माण करने की बात राहगीरों के द्वारा कही जा रही है ताकि सुरक्षित आवागमन किया जा सके।
मार्ग पर बड़े बड़े गड्ढे बन गए हैं पत्थर भी बाहर निकल चुके है
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कोस्ते से एक मार्ग कासपुर के लिए निकलता है जहां जंगल तक डामर सडक़ का निर्माण किया गया है। उसके बाद आमा टोला तक कच्चा मार्ग बना हुआ है जहां से प्रतिदिन डोंगरमाली मार्ग के ग्रामीणों के द्वारा बालाघाट और कायदी के लिए आवागमन किया जाता है। तो वहीं कासपुर क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों के लोग डोंगरमाली ,महाराजपुर के लिए इस मार्ग का उपयोग करते हैं। तो वहीं मार्ग पर बड़ी संख्या में खेती स्थित है जहां पर किसान भी आना जाना करते हैं । ऐसे में कच्चे मार्ग पर छोटे बड़े गड्ढे बन गए हैं तो वहीं छोटे.बड़े पत्थर भी बाहर पूरे मार्ग में निकल चुके हैं। जहां बैलगाड़ी से चलना मुश्किल हो रहा है तो वहीं मोटरसाइकिल अनियंत्रित हो रही है हालांकि सुखा दिन होने से लोग बहुत ज्यादा सुरक्षित आना जाना कर पा रहे हैं। जहां सबसे ज्यादा समस्या बरसात के समय हो जाती है पूरा मार्ग कीचड़ से सराबोर हो जाता है जहां मोटरसाइकिल और साइकिल चलाना दूर्भर हो जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को फेरे काटकर वारासिवनी होते हुए आना जाना करना पड़ता है तो वहीं किसानों को पैदल ही मार्ग में सफ र करना पड़ता है। इस प्रकार की समस्या को देखते हुए ग्रामीणों के द्वारा मार्ग के अधूरे पड़े निर्माण को पूर्ण करने या वर्तमान में मुरूमीकरण किये जाने की मांग की जा रही है ताकि लोग सुरक्षित आवागमन कर सके।
निर्माण कार्य अधूरा होने से सभी को परेशानी हो रही है- राजनलाल दखनवार
किसान राजनलाल दखनवार ने बताया कि यह कोस्ते से आमाटोला मार्ग है हमें इस मार्ग का उपयोग बरसात के समय अधिक करना पड़ता है। क्योंकि खेती में पेट्रोल डीजल जो भी लगता है वह महाराजपुर से लाते हैं जो यहां से समीप में पड़ता है। अभी यहां पर गड्ढे हो गए हैं जहां आवागमन हो रहा है बाकी बरसात में हर कोई परेशान हो जाता है। विक्रम टोली तक पक्की सडक़ है किंतु उसके बाद हमारे आमाटोला तक कच्चा मार्ग है जिस पर कीचड़ भयंकर हो जाता है । उस समय लोगों को वारासिवनी होते हुए घूम कर जाना पड़ता है। जिसमें परेशानी तो होती ही है यह मार्ग यदि बन जाए तो अच्छा होगा।
रोड़ की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है-राजकुमार भगत
किसान राजकुमार भगत ने बताया कि रोड़ की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है गिट्टी के पत्थर पूरी जगह बाहर निकल गए हैं हम लोगों को खेती किसानी के लिए आने जाने में बहुत दिक्कत है। यह मार्ग सीधे कोस्ते निकलता है परंतु इस मार्ग पर सभी किसान आते जाते हैं बैलगाड़ी से चलना एक चुनौती है गिट्टी के कारण हालत खराब हो जाती है। ठीक से मवेशी चल नहीं पाते हैं इस मार्ग को अच्छे से निर्माण करना चाहिए। यदि वह भी नहीं कर पा रहे हैं तो मुरूमीकरण कर दे ताकि मवेशी और इंसान आना जाना तो कर सके।
मार्ग खराब होने से हो रही आये दिन दुर्घटनायें- सुखलाल भगत
किसान सुखलाल भगत ने बताया कि मार्ग में अभी इतने पत्थर बाहर आ गए हैं कि इंसान क्या जानवर को भी समस्या होने लगी है। मोटरसाइकिल अनियंत्रित होने लगती है कई लोग चोटिल हो जाते हैं छोटे.बड़े जो गड्ढे हैं उनमें पानी भरा रहता है। इस मार्ग पर कासपुर, कायदी, डोंगरमाली, भेंडारा के लोग आना जाना करते हैं जंगल तक पक्का रोड़ बना है उसके बाद कच्चा है। पीडब्ल्यूडी में मार्ग कहते हैं पर आगे जानकारी हमें है नहीं इस मार्ग पर करीब २५० एकड़ से अधिक के किसान आना जाना करते हैं जिन्हें बरसात में पैदल ही चलना पड़ता है।