क्या पता कल सिगरेट लाइटर फट जाए… पेजर और वॉकी टॉकी धमाके के बाद लेबनान में दहशत

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लेबनान में इन दिनों अजीब सी दहशत फैली हुई है। लोग किसी भी चीज को छूने से डर रहे हैं। हालात इतने गंभीर है कि अगर सड़क चलते किसी का मोबाइल, पेजर या वॉकी टॉकी गिर जाए तो कोई उठा नहीं रहा है। दरअसल, मंगलवार को लेबनान में हिजबुल्लाह के पेजर फटने से हजारों लोग घायल हो गए। उसके एक दिन बाद बुधवार को वॉकी टॉकी में विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम 20 लोग मार गए और 400 से अधिक घायल हो गए। इसके बाद लेबनान में लोगों के बीच अगले संभावित टारगेट को लेकर लोग घबराए हुए हैं। लेबनानियों के बीच चर्चा है कि क्या पता कल सिगरेट जलाते समय लाइटर ही फट जाए। हिजबुल्लाह ने इन हमलों के लिए हिजबुल्लाह को जिम्मेदार ठहराया है।

लोगों में दहशत का माहौल

सऊदी अल हदथ नेटवर्क ने ईरानी स्रोतों का हवाला देते हुए बताया, “लोग घबरा रहे हैं और अपने वायरलेस उपकरणों से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहे हैं।” बुधवार को फटने वाले वॉकी-टॉकी का ईरान में भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, वॉकी-टॉकी पिछले दिन फटने वाले पेजर से बड़े और भारी थे, और इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों की अधिक मात्रा के कारण धमाका भी बड़ा था। हालांकि पेजर की तुलना में वॉकी-टॉकी कम प्रचलन में थे, लेकिन बुधवार के हमले में 450 लोग घायल हुए और 20 की मौत हो गई, जबकि मंगलवार को पेजर विस्फोट में 2,700 से अधिक लोग घायल हुए और 13 की मौत हो गई थी।

लोग बोले- ऐसा तो फिल्मों में ही होता है

54 वर्षीय हुसैन अवाडा ने टाइम्स को बताया, “मैंने कुछ ऐसा देखा जो आप केवल फिल्मों में देखते हैं।” उन्होंने बताया कि कैसे बेरूत में एम्बुलेंस के लिए रास्ता साफ करने की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति की वॉकी-टॉकी फट गई। इससे वॉकी-टॉकी लिए व्यक्ति का हाथ ही उड़ गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कल लाइटर फट जाए। लोग किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करने से डर रहे हैं। यहां तक कि सोलर पावर सिस्टम और इलेक्ट्रिक कारें, स्कूटर भी इन दिनों परित्यक्त बने हुए हैं। कोई भी ऐसे डिवाइसों का इस्तेमाल नहीं करना चाहता।

बेरूत में सबसे ज्यादा दहशत

गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, 22 वर्षीय व्यापारी अली ने कहा, “मुझे समझ में नहीं आया कि क्या हो रहा है। मैंने पहले यह सोचा था कि यह एक आतंकवादी हमला था।” “लोगों ने डर के मारे अपने फोन फेंकना शुरू कर दिया, उन्हें लगा कि वे फट जाएंगे। मैंने एक आदमी को देखा जिसका चेहरा आधा कटा हुआ था। उसकी आंखें बाहर निकल रही थीं, और हर जगह खून था।” बेरूत के एक अस्पताल के बाहर, एक डॉक्टर ने एक मरीज का हाल बताया, जो चेहरे, गर्दन और होंठों पर गंभीर जलन और घावों के कारण बेहोश हो गया था, “जैसे कि उसे रॉकेट से मारा गया हो।”

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