कोरोना संकट काल में दवाओं और इंजेक्शन की कालाबाजारी पर नजरें गढ़ाए बैठी क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को रेमडेसिविर की बड़ी खेप पकड़ी है। एक पेटी में 400 इंजेक्शन मिलने से पुलिस अफसर हैरान रह गए हैं। पुलिस को शक है कि ये इंजेक्शन नकली हो सकते हैं। आरोपित का नाम डाक्टर विनीत उर्फ विनयशंकर त्रिवेदी है। जो खंडवा रोड रानीबाग का रहने वाला है।
मालूम हो कि कोरोना संक्रमितों की बड़ी तादाद के बाद उपचार के लिए रेमडेसिविर की मांग एकाएक बढ़ गई है। संक्रमितों के परिचित इस इंजेक्शन के लिए भटक रहे हैं लेकिन कालाबाजारी में भी यह इंजेक्शन बमुश्किल उपलब्ध हो पा रहा है। डीआइजी मनीष कपुरिया के मुताबिक रेमडेसिविर, टोसी इंजेक्शन और आक्सीजन की कालाबाजारी की खबरें लगातार मिल रही थी। इसीलिए हमने पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक के अलावा क्राइम ब्रांच की टीम को इंजेक्शनों की कालाबाजारी करने वालों पर नजरें लगाने की जिम्मेदारी सौंपी है। गुरुवार को क्राइम ब्रांच ने कुछ लोगों को इंजेक्शन की पेटी ले जाते हुए पकड़ लिया। क्राइम ब्रांच के एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर ने पुष्टि करते हुए है कि पेटी में 400 इंजेक्शन मिले हैं। जिन पर रेमडेसिविर का लेवल लगा हुआ था। लेकिन इनके नकली होने का अंदेशा है। शक है कि इसी का फायदा उठाकर दवा माफिया रेमडेसिविर का लेवल लगाकर बाजार में खपाए जा रहे हैं। पुलिस अब खाद्य व औषधि विभाग से इंजेक्शन के नकली या असली होने की जांच करवा रही है।