वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत थानेगांव से गर्रा मार्ग की स्थिति जर्जर हो गई है। इसके साइड शोल्डर उखड़ गए हैं तो वहीं मार्ग में बड़े बडे गड्ढे बने हुए हैं साथ ही सडक़ में कई स्थानों पर सडक़ फटने लगी है। जहां से आवागमन करने में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दुर्घटनाएं भी घटित हो रही है। यह डामर सडक़ है जिसका निर्माण के बाद से कार्य एजेंसी के द्वारा मरम्मत नहीं कराई गई है जिसका कारण है कि मार्ग की समस्या यथावत बनी हुई है। जहां से आवागमन करने वाले राहगीरों, विद्यार्थीयों और ग्रामीणों सभी परेशान हो रहे हैं कई बार मोटरसाइकिल रात्रि के समय अनियंत्रित भी हो रही है। जिसकी यथाशीघ्र मरम्मत कर आवागमन हेतु सुगम मार्ग तैयार करने की मांग की जा रही है ताकि सभी सुविधा पूर्वक सुरक्षित आवागमन कर सके।
वारासिवनी से रामपायली को जोड़ता है यह मार्ग
यह मार्ग वारासिवनी से थानेगांव गर्रा होते हुए रामपायली तक जाती है इस मार्ग का उपयोग ग्रामीण क्षेत्र के लोग वारासिवनी की तरफ जाने या रामपायली की तरफ जाने के लिए उपयोग करते हैं। जिस पर छोटे बड़े सभी प्रकार के वाहन दौड़ रहे हैं। जहां मार्ग की स्थिति विभिन्न स्थानों से बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है। सडक़ किनारे साइड शोल्डर गड्ढों में तब्दील होने से किनारे से सडक़ टूट गई है तो कई स्थानों पर खड़ी लकीर बनी हुई है। ऐसे में भारी वाहन आने पर मोटरसाइकिल नीचे उतरने पर पुन: सडक़ पर चढ़ते समय दुर्घटनाएं घटित हो रही है। कुछ स्थानों पर मार्ग के मध्य में ही बड़े गड्ढे बने हुए हैं जो दिन में आसानी से दिख जाते हैं पर रात्रि के समय नहीं देख पाते हैं जो दुर्घटना का कारण बने हुए है। यह स्थिति मार्ग निर्माण के बाद से बनी हुई है जगह जगह डामर फटने लगा है वह भी जल्द उखडक़र गढंढो का रूप ले लेगा। जबकि यह मार्ग करीब दो से तीन वर्ष पूर्व निर्माण किया गया है इसके बाद से संबंधित कार्य एजेंसी के द्वारा मरम्मत के रूप में कोई भी कार्य मार्ग पर नहीं किया गया। ऐसे में छोटे गड्ढे बड़े होते जा रहे हैं सडक़ के दूसरे भागों में बड़ी बड़ी दरारें आने लगी है तो वहीं साइड शोल्डर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। यह मार्ग का उपयोग बहुत ज्यादा बढ़ गया है यातायात के रूप में ट्रक डंपर ट्रैक्टर कार सहित मोटरसाइकिल और साइकिल से लोग आना जाना करते हैं। जिसमें छोटे वाहन और साइकिल चालकों को दुर्घटनाओं का सामना भी करना पड़ रहा है। जिसको लेकर हर किसी के द्वारा मार्ग की मरम्मत कर सुविधा पूर्वक आवागमन सुनिश्चित करवाने की मांग की जा रही है।
भारी वाहनों के दबाव से हो रही सडक़ क्षतिग्रस्त
यह सडक़ प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र को मुख्यालय से जोडऩे के लिए निर्माण करवाई गई है। जिसकी क्षमता करीब ८ टन से अधिक की है किंतु वर्तमान में गिट्टी के डंपर धान के बड़े ट्रक जैसे करीब ४५ टन के भारी वजन का परिवहन करने वाले वाहन प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में आना जाना कर रहे हैं। ऐसे में सडक़ की क्षमता से अधिक के ट्रक दौडऩे के कारण भी सडक़ अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो रही है। वहीं मार्ग पर करीब आधा दर्जन से अधिक ग्राम स्थित होने से लोग इसी मार्ग का उपयोग सभी प्रकार के वाहनों के लिए करते हैं। जिस पर यातायात विभाग के द्वारा गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है यही स्थिति है कि मार्ग समय सीमा के पहले ही क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं। वहीं विभाग के द्वारा मार्ग को व्यवस्थित करने के लिए भी गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। जबकि बताया जाता है कि निर्माण एजेंसी के पास ५ वर्ष मरम्मत का भार होता है परंतु ऐसा लगता नहीं की निर्माण एजेंसी को मार्ग की मरम्मत या मेंटेनेंस से कोई सरोकार हो।
ग्रामीण क्षेत्र का मार्ग है जिनकी स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई है-जयराज साकरे
ग्रामीण जयराज साकरे ने बताया कि यह वारासिवनी से रामपायली को जोडऩे वाला ग्रामीण क्षेत्र का मार्ग है जिनकी स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई है। मार्ग के जो साइड शोल्डर है वह बुरी तरह टूट गए हैं तो वहीं जगह जगह बडे बडे गड्ढे हो चुके हैं पूरा मार्ग जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। सडक़ में विभिन्न स्थान पर दरारें भी आने लगी है जो एक बार इसके बाद गड्ढे बन जायेंगे जिसके कारण यहां पर दुर्घटना की भी संभावना बनी हुई है। रात्रि के समय बराबर से सडक़ समझ नहीं आती है सकरा मार्ग है भारी वाहन आने पर दूसरा वाहन क्रॉस नहीं कर पाता है छोटे वाहन वालों को रुकना पड़ता है। यह मार्ग पर यातायात का दबाव बना रहता है सुबह से देर रात तक मार्ग चलता रहता है इसकी मरम्मत की जानी चाहिए ताकि किसी प्रकार की बड़ी दुर्घटना ना हो।
विभाग की लापरवाही का दंश भोग रहे ग्रामीणजन-अनिल पटले
ग्रामीण अनिल पटले ने बताया कि यह मार्ग पर यातायात बहुत ज्यादा बढ़ चुका है सभी प्रकार के वाहनों का आना जाना लगा रहता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी इसी मार्ग का उपयोग करते हैं सडक़ की टर्निंग पर पुलिया के पास एक बड़ा गड्ढा बना हुआ है उसके बाद जगह जगह छोटे बड़े गड्ढे हैं। रोड़ के नीचे मोटरसाइकिल उतरने पर चढऩे में दिक्कत होती है दिन के समय तो आसानी से देख लेते हैं परंतु रात्रि के समय बहुत दिक्कत जाती है। क्योंकि मार्ग के किसी भी स्थान पर प्रकाश व्यवस्था नहीं है केवल ग्राम पड़ता है तब प्रारंभ से अंत तक प्रकाश व्यवस्था मार्ग किनारे बनी रहती है उसके बाद अंधेरा छाया रहता है। जिसमें स्पष्ट मार्ग ना दिखाने के कारण दुर्घटना की संभावना बनी हुई है यह जो बहुत ज्यादा खराब मार्ग है वह थानेगांव से गर्रा के बीच में है। जिस पर विभाग को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।
सडक़ की क्षमता ८ वाहन चला रहे ४५ टन का जिससे सडक़ हो रही खराब-हीरालाल पटले
ग्रामीण हीरालाल पटले ने बताया कि यह सडक़ का निर्माण करीब ३ वर्ष पहले विभाग के द्वारा किया गया है। जिसके बाद दोबारा इस सडक़ की मरम्मत के लिए किसी का ध्यान नहीं है और ना ही कोई भी कार्य कहीं किया गया है। १ वर्ष से ज्यादा का समय हो गया मार्ग में गड्डों की स्थिति यथावत बनी हुई है। यह मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की है जिसकी क्षमता करीब ८ टन है फि र भी इस पर ४५ टन के ट्रक आवागमन कर रहे हैं। जब विभाग को मार्ग के उपयोग की जानकारी है तो उसे क्षमता के अनुसार मार्ग का निर्माण करना चाहिए अब मार्ग खराब हो रहा है। जिससे सभी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है,जबकि इस समस्या से निपटने के लिए पहले व्यवस्था करनी चाहिए। आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है हालांकि अभी कोई बड़ी दुर्घटना तो नहीं हुई है किंतु कभी भी दिक्कत हो जाती है हम चाहते हैं कि मरम्मत करें या नई सडक़ का निर्माण कार्य किया जायें।