मौसम में गर्माहट आते ही दोबारा बिजली की कमी पैदा हो गई। बीते मंगलवार को प्रदेश में देर रात करीब 2033 मेगावाट की कमी आ गई। जिस वजह से प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती करनी पड़ी। सात घंटे अलग-अलग वक्त में कटौती शेड्यूल हुई। गत दिवस बिजली की मांग 11500 मेगावाट के आसपास बनी रही। वहीं बुधवार को भी बिजली कमी बरकरार रही। करीब 600 मेगावाट के आसपास बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर बना रहा।
सर्वाधिक मांग बुधवार को 12203 मेगावाट रही। अधिकारियों ने बताया कि एनटीपीसी के गाडरवारा की गत दिवस शाम को इकाई बंद होने से करीब 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन कम हो गया। वहीं अनूपपुर की मोजर वेयर इकाई से भी 187 मेगावाट के आसपास मध्यप्रदेश का हिस्सा नहीं मिल पाया। इसके अलावा हाइड्रल पावर प्लांट से भी बिजली की आपूर्ति जरूरत के हिसाब से नहीं होने के कारण कमी बनी।

इस वजह से कई जगह अघोषित कटौती करनी पड़ी। मप्र पावर जनरेशन कंपनी की तरफ से 3320 मेगावाट के आसपास बुधवार को बिजली का उत्पादन किया जा रहा था। इस संबंध में स्टेट लोड डिस्पेंच सेंटर के मुख्य अभियंता केके प्रभाकर ने बताया कि बिजली की मांग और आपूर्ति में थोड़ा अंतर बना था। इसकी वजह कुछ इकाइयों का बंद होना है। उन्होंने कहा कि सोलर और विंड से भी बिजली पर्याप्त मिल रही है। कई बार बिजली उम्मीद के मुताबिक नहीं पैदा होने की वजह से यह समस्या आती है।