खर्च के डर से इलाज नहीं करा रहे अमेरिकी बुजुर्ग:22% सीनियर सिटीजन इमरजेंसी में अस्पताल नहीं जाते, इससे सेहत खतरे में

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बढ़ती उम्र के साथ-साथ शरीर कमजोर होने लगता है और बीमारियां अपना डेरा जमा लेती हैं। ऐसे में कई बार लोगों को इमरजेंसी इलाज की जरूरत पड़ती है। लेकिन अमेरिकन जर्नल ऑफ मैनेज्ड केयर में प्रकाशित एक शोध में सामने आया कि 22% बुजुर्ग मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में खर्चे बचाने के लिए अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं।

इसकी बजाए वे घर पर रहना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। 50-60 की उम्र के लोग, महिलाएं और जिनके पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है या जिनकी सैलरी 30 हजार डॉलर से कम है वो इलाज की ज्यादा कीमत को देखते हुए ऐसा कर रहे हैं। यहां तक की जिन लोगों को मेडिकल इमरजेंसी नहीं हुई वो भी खर्चे के बारे में चिंतित रहते हैं।

स्वास्थ्य बीमा वाले सर्विस कवर के बारे में नहीं जानते
कोरोना के आर्थिक प्रभाव और टेक्सास-फ्लोरिडा सहित एक दर्जन से ज्यादा राज्यों द्वारा सभी कम आय वाले लोगों के लिए मेडिकेड सर्विस का विस्तार नहीं करने की वजह से लाखों लोग इमरजेंसी सर्विस के लिए अपनी जेब से खर्च उठा रहे हैं।

स्वास्थ्य बीमा होने के बाद भी कुछ लोग इंश्योरेंस इमरजेंसी सर्विस कवर के बारे में नहीं जानते। ‘नो सरप्राइज एकट’ भी लागू है। इमरजेंसी सर्विस देने वाला कोई भी अस्पताल मरीज के किसी दूसरी कंपनी से बीमा करवाने की कंडीशन में बिल में कोई नया खर्चा नहीं जोड़ सकता है।

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