खादय पदार्थो के बाद हरी सब्जिया हुई महंगी

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मानसूनी बारिश होने, खेतो में सब्जियों का उत्पादन घटने और थोक मार्केट में मांग के अनुरूप सब्जियों की आपूर्ति ना होने के चलते हरी सब्जियों के दामो में लगातार उछाल देखा जा रहा है। जिसका सीधा असर आम जनजीवन पर पड़ रहा है। लगातार बढ़ती जा रही मंहगाई के बीच अब सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है। वही सब्जियों के दाम में आए इस उछाल ने गृहणियों का बजट बिगाड़ दिया है।आलम ये है अब लोग हरी सब्जी खरीदने की जगह दाल, बेसन, कढ़ी बनाने में ही अपनी समझदारी दिखा रहे है।जिसकी असली वजह मानसूनी बारिश से खेतो में सब्जियों का उत्पादन घटने और बाजार में मांग के अनुरूप सब्जियों की आपूर्ति ना होना बताया जा रहा है।हरी सब्जियों के इन बढ़ी हुई कीमतों से जहां एक ओर आम नागरिक परेशान है तो वही ग्राहकी न होने से सब्जी विक्रेताओं को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।सब्जियों सहित अन्य सामग्रियों के दाम आसमान छू रहे है,वही आम लोगो का बजट बिगड़ रहा है।

2 सप्ताह के भीतर सब्जियों के दाम में हुआ दुगना इजाफा
करीब 2सप्ताह से लगभग सभी सब्जियों के दामो में लगातार इजाफा हो गया है।जिसके चलते हरी सब्जियों से दूरी बनाने में ही आमजन अपनी समझदारी दिखा रहे है।करीब 2 सप्ताह पहले तक 40 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर आज 80 रुपए किलो बिक रहा है। करेला 60 रुपए किलो, बरबटी 40 रुपए किलो, अरबी 40 रुपए किलो। 20 रु वाला आलू 40 रुपए, बैगन 30 रुपये किलो, वही फूलगोभी 40 रु किलो, 40 वाली शिमला मिर्च 80 रु किलो,50 रु किलो वाली सेमी 80रु किलो, भिंडी 30 रुपए किलो ,फररास आना बंद, 50 रु किलो वाली हरी मिर्ची सीधे 100 रुपए किलो तक बाजार में बिक रही है।वही धनिया 80 ,लसन 200 औऱ अदरक 150 रु के ऊपर बिक रहे है।वही रोजाना ही इनकी कीमतों में इजाफा हो रहा है और आगे भी इनकी कीमतों में इजाफा होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

लोकल सब्जियों की नही हो रही आवक
बारिश होने की वजह से स्थानीय क्षेत्र से आने वाली सब्जियों की खेती में असर पड़ा है।यही कारण है कि सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित हुई है। जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों द्वारा भारी मात्रा में सब्जी का उत्पादन किया जाता है लेकिन बारिश की वजह से सब्जियों की फसलें प्रभावित हो गई।वही अच्छी बारिश होती देख किसानो ने सब्जी की जगह धान की फसल लगाई है।जिससे हरी सब्जियों का उत्पादन घट गया और उत्पादन घटते ही सब्जियों की मांग अधिक हो गई।वही माँग बढ़ने से सब्जियों के दाम में दोगुना इजाफा हो चुका है।

बाहर से भी सब्जियों की आवक हुई कम
लोकल के साथ साथ बहारी राज्यो से भी हरी सब्जियों की आवक कम हो गई है।जिससे सब्जियों के दामों में उछाल देखा जा रहा है।अब जिले में लोकल सब्जी की आवक नहीं है जिसके चलते लगभग सभी प्रकार की सब्जी छिंदवाड़ा, नागपुर, गोंदिया व सिवनी सहित अन्य जगहों से आ रही है। जिसका असर हरी सब्जियों के दामो में देखा जा रहा है एक अनुमान के मुताबिक सब्जी की मूल खरीदी रेट के अलावा प्रति किलो सब्जी में 5रु तक का भाड़ा चार्ज जोडा रहा है जिससे पहले से महंगी सब्जी के दाम और अधिक बढ़ चुके हैं

बढ़े हुए दामो से ग्राहक के साथ-साथ दुकानदार भी परेशान
पिछले दिनों लगातार हो रही मानसूनी बारिश से सब्जी की फसल को भारी नुकसान हुआ है।जिसके चलते सब्जी की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। हर दिन खाने जाने वाली सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे है।सब्जी दुकानदारों की मानें तो पिछले कुछ दिनों से बाजार मंदा चल रहा है।पहले जहां लोग किलो सब्जी खरीदकर ले जाते थे अब वे महज आधा किलो सब्जी खरीद रहे हैं।वहीं, सब्जी खरीदने वाले ग्राहक पहले 3 से 4 तरह की सब्जी एक बार में खरीद कर ले जाते थे और फ्रिज में भर कर रख देते थे लेकिन अब किसी तरह काम चलाने के लिए महज पाव भर सब्जी खरीद रहे है।आपको बताएं कि लगातार साग सब्जी सहित अन्य सामानों की कीमतो में बढ़ोतरी होने से लोगो का बजट बिगड़ चुका है।

लोग हरी सब्जी से कर रहे परहेज
स्थानीय किसान भी हरी सब्जी बेचने मार्केट में नहीं आ रहे हैं जिसके चलते सब्जियों की मांग अधिक हो गई है।आवक कम और मांग अधिक होने के चलते सब्जियां महंगी हो चुकी है।पैदावार कम होने औऱ मांग अधिक होने के चलते सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है क्योंकि पहले के मुकाबले भाड़ा भी महंगा हो चुका है।जिसके कारण सब्जी खरीदने वाले और बेचने वाले दोनों मजबूर हैं वही सब्जियों के दाम बढ़ने से लोग हरी सब्जी खाने से परहेज कर रहे हैं। लोग सब्जियों के बढ़े हुए दामो सुनकर वापस लौट जाते हैं

लोग पाव भर सब्जी लेकर अपना काम चला रहे हैं-मुदस्सर
चर्चा के दौरान सब्जी विक्रेता शेख मुदस्सर ने बताया की आपूर्ति कम होने और मांग अधिक होने के चलते सब्जियो के दाम पहले से अधिक हो चुके हैं लोग मजबूरी में सब्जियां खरीद रहे हैं पहले जो 1 किलो या 2 किलो सब्जी ले आते थे अब वह पाव भर सब्जी लेकर अपना काम चला रहे हैं। ज्यादातर सब्जियां बाहर से आ रही हैं इसीलिए महंगी है। प्याज भी महाराष्ट्र से आ रही है भाड़ा मिलाकर 35 से 36 रु किलो प्याज पढ़ रही है।हम 40 रु किलो प्याज बेचते हैं। दुकानदार भी क्या करें जब महंगे में माल मिलेगा तो महंगे में ही बेचेंगे।मंहगाई से ग्राहक और दुकानदार दोनों परेशान है

8 दिनों में घट सकते है दाम- बुरडे
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान चिल्लर सब्जी विक्रेता संघ अध्यक्ष प्रतिनिधि पप्पू बुरडे ने बताया कि बरसात में सभी सब्जियां महंगी हो चुकी है।वही लोकल का माल काफ़ी कम आ रहा है।आम आदमी मध्यम वर्ग के लोगों को काफी परेशानी हो रही है ।ग्राहक आते हैं जो सब्जी के दाम पूछकर उल्टे पांव लौट जाते हैं। उन्होंने आगे बताया कि पिछले दिनों गर्मी अधिक होने के चलते माल खराब हो गया था। वही अभी बारिश के चलते सब्जी की आपूर्ति में कमी आई है।भिंडी, बरबटी, गवार फल्ली, लौकी जैसी सब्जी लोकल से आ रही है बाकी रायपुर नागपुर बिलासपुर सहित अन्य जगहों से मंगाई जा रही है।हमें उम्मीद है कि 8 दिनों में सब्जियां सस्ती हो जाएगी। वर्तमान में महंगाई के हिसाब से लोग कम मात्रा में सब्जी खरीद रहे हैं।

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