खापा के ग्रामीणों ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत खापा के ग्रामीणों के द्वारा ८ अप्रैल को तहसील कार्यालय में एकत्रित होकर तहसीलदार एवं एसडीएम को ज्ञापन देकर ग्राम खापा मे प.ह.न. ३५ में भूमी आबंटन के विरोध में आपत्ति दर्ज करवाई गई। उक्त ज्ञापन में उल्लेखित है कि हम सभी ग्राम पंचायत खापा के निवासी है। हमारे यहां एमपी इंडस्टीज डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड़ के द्वारा शासकीय भूमी औधोगिक प्रयोजन हेतु ग्राम खापा स्थित शासकीय भूमी खसरा न. ४४८/१,४४८/२,४४८/३ में कुल रकबा ३.८५६ हे.भूमी आवंटन की सुचना इस्तेहार के माध्यम से ३ अप्रैल २०२५ को प्रकाशित की गई है। जिसमें एमपीआईडीसी श्रेत्रीय कार्यालय जबलपुर के पक्ष में हस्तांतरण किये जाने हेतु आपत्ती ९ अप्रैल २०२५ तक दर्ज करने कहा गया है। उसी संबधं में आपत्ती दर्ज करवाने हम सभी ग्रामीण आयें है। यह भूमि आवंटन से ग्रामीणों के पशुओं के लिए चारगाह समाप्त हो जावेगा। कृषि में सिंचाई, ग्राम में भूमीगत जल स्तर कम हो जावेगा, वन से लगा होने के कारण वन्य पशु पक्षीयों का जीवन खतरे में पड़ जावेगा एंव पर्यावरण को नुकसान होगा। ऐसी अनेको समस्या जन्म लेगी इसलिये हम चाहते है कि उक्त भूमि को हम एमपीआईडीसी के पक्ष में हस्तांतरण नहीं होने देंगे।

किसी को भी उद्योग लगाना है तो जमीन खरीदे फिर उद्योग लगाए-श्रवण ठाकरे

ग्रामीण श्रवण ठाकरे ने बताया कि हम सभी तहसील कार्यालय पहुंचकर एसडीएम और तहसीलदार को आवेदन देकर अपनी आपत्ति पेश करते हुए मांग की गई है कि ग्राम की जो शासकीय भूमि बची है उसे यथावत रखा जायें। किसी भी औद्योगिकरण के लिए उसे नही दिया जायें यदि ऐसा होगा तो किसानों के लिए जमीन नहीं बचेगी तो वह यहां रहकर क्या करेंगे। हमें मजबूरी में ग्राम को छोडऩा पड़ेगा यह भूमि जब औद्योगीकरण के लिए हो सकती है तो किसान मजदूर और पर्यावरण के लिए क्यों नहीं। इस भूमि को अतिक्रमण से बचाकर गांव के नागरिकों ने रखा है उसे शासकीय अधिग्रहण कर उद्योगपति को देना ठीक नहीं है। यदि किसी को उद्योग लगाना है तो वह जमीन खरीदे फि र उद्योग लगाए हमें इस अधिग्रहण के लिए आपत्ति है।

ग्राम खापा की शासकीय भूमि किसी को नही देेने देंंगे-देवी गौतम

सरपंच देवी गौतम ने बताया कि तहसीलदार का इेस्तहार मिला था कि मध्य प्रदेश औद्योगिकी विकास निगम के द्वारा तहसीलदार से ग्राम पंचायत की शासकीय भूमि मांगी गई है। यह करीब १० एकड़ भूमि मांगी गई है जो दी जा रही है जिसमें ग्रामीणों को आपत्ति है इसके लिए ग्राम पंचायत को भी पत्र आया था। आपत्ती अनापत्ति देने के लिए जिसमें प्रस्ताव लेकर हम तहसीलदार के यहां आए हुए हैं। यहां पर एसडीएम और तहसीलदार को हमने अपनी आपत्ति ज्ञापन के रूप में दी है कि वह ग्राम खापा की भूमि किसी को ना दे। इसके पहले लगभग १२५ से १५० एकड़ शासकीय भूमि उद्योग एवं वेयरहाउस को दी गई है। गांव में जो बची भूमि है उसमें किसानों का चारागाह खेती का रास्ता कृषि सिंचाई के लिए तालाब बने हुए हैं वह भूमि यह मांग रहे हैं जिसमें हमने आपत्ति दर्ज कराए हैं। गांव में २० एकड़ जमीन बची हुई है वह ग्राम वासियों के उपयोग के लिए और ग्राम में पर्यावरण बनाए रखने के लिए सुरक्षित रखने की मांग है। जिसे वह वन विभाग को दे दे या तालाब बनाएं परंतु उसे किसी को ना दे हम उसे बचाने के लिए यहां आयें हैं।

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