खाली पड़े भारतीय दूतावासों में घुसे तालिबानी, दस्तावेज और वाहन ले गए

0

भारत ने काबुल और हेरात में अपने दूतावास दो दिन पहले ही खाली कर दिए थे। ताजा खबर यह है कि इन बंद पड़े दफ्तरों में तालिबान के लड़ाके आ धमके, घंटे तलाशी करते रहे और आखिरी में कुछ दस्तावेज लेकर वहां से रवाना हुए। सूत्रों के हवाले से जारी रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने दो दिन पहले कंधार और हेरात में बंद भारतीय वाणिज्य दूतावासों की तलाशी ली और कथित तौर पर दोनों मिशनों से कुछ दस्तावेज लिए। साथ ही वहां खड़े वाहन भी अपने साथ ले गए। कंधार, हेरात, मजार-ए-शरीफ और जलालाबाद में चार भारतीय वाणिज्य दूतावास हैं, जिन्हें तालिबान द्वारा 15 अगस्त को काबुल पर नियंत्रण करने के बाद बंद कर दिया गया था। अफगानिस्तान में गंभीर स्थिति के बीच भारतीय दूतावास के कर्मियों को भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान से मंगलवार को भारत लाया गया था।

तालिबान की कथनी-करनी का फर्क, महिला एंकर ने वीडियो जारी कर बयां किया दर्द

तालिबान की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। यह आतंकी संगठन दुनिया को बताना चाहता है कि वह बदल चुका है, उसके राज में सभी को समान अधिकार होंगे, महिलाओं का सम्मान किया जाएगा, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। इस झूठ और फरेब की एक और बानगी सामने आई है। यहां एक महिला न्यूज एंकर जब ऑफिस पहुंची तो वहां मौजूदा तालिबानी लड़ाकों ने उसे वापस भेज दिया। महिला एंकर का नाम शबनम डावरान है जो सरकारी चैनल आरटीए पश्तो की न्यूज एंकर है। अब शबनम डावरान ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि वह अपने दफ्तर गई थीं और तालिबान के इस आश्वासन के बावजूद उसे घर लौटने के लिए कह दिया गया कि महिलाओं को काम करने की अनुमति दी जाएगी। (नीचे देखिए शबनम का वीडियो)

तालिबान का विरोध शुरू: अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। बंदूक के दम पर इस आतंकी संगठन ने भले ही मुल्क पर कब्जा कर लिया हो, लेकिन लोगों के दिलों पर राज करना उसके बस की बात नहीं। सच्चाई यह है कि अफगानिस्तान की आम अवाम तालिबान से नफरत करती है। यही नफरत उस समय देखने को मिली जब देश के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। इनके हाथों में अफगानिस्तान का झंडा था। पूरे अफगानिस्तान में ऐसे प्रदर्शन हुए। लोगों ने रैलियां निकालीं, जिनमें युवाओं के साथ महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। कई स्थानों पर तालिबान का झंडा हटाकर अफगानिस्तान का झंडा फहराया गया। वहीं कुछ स्थानों पर तालिबानी लड़ाकों ने इसका विरोध किया। गोलीबारी में कई लोगों के मारे जाने की सूचना है।

अफगान मीडिया के मुताबिक, पूर्वी प्रांतों नंगरहार, कुनार और खोस्त के लोगों ने बुधवार को सार्वजनिक रूप से अफगान राष्ट्रीय ध्वज लेकर रैली निकाली। इसी तरह के प्रदर्शन के दौरान नंगरहार प्रांत में तालिबान द्वारा कम से कम दो लोगों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई और 12 अन्य घायल हो गए। इसी तरह असदाबाद में भी कई लोगों के मारे जाने की सूचना है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये लोग तालिबान की गोलीबारी में मारे गए या भगदड़ के कारण। पूर्वी अफगानिस्तान में जलालाबाद और पख्तिया प्रांत के एक अन्य जिले में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here