नगर मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में प्रथम पू’य भगवान श्री गणेश जी की आराधना का दस दिवसीय गणेशोत्सव पर्व भक्तिभाव, धूमधाम एवं हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। जिसके समापन के अवसर पर १७ सितंबर को आस्था और भक्तिभाव के साथ प्रतिमाओं को नदी, नहर एवं तालाबों में श्रध्दालुओं के द्वारा गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आना सहित अन्य नारे लगाते हुए विसर्जित किया गया। नगर मुख्यालय में गणेश उत्सव समितियों के द्वारा सार्वजनिक स्थानों एवं क्षेत्रीय भक्तजनों के द्वारा घरों में स्थापित की गई विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेशजी की प्रतिमाओं को १७ सितंबर को डीजे की धून पर शोभायात्रा निकालकर नृत्य करते हुए पांढरवानी स्थित बड़ा तालाब, सर्राठी नदी एवं ढूटी वीयर बड़ी नहर में विसर्जन किया गया। वहीं ग्रामीण अंचलों में नदी-नालों व स्थानीय तालाबों में विसर्जन किया गया। प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला देर रात्रि तक जारी रहा जिसमें श्रध्दालुओं में खासा उत्साह नजर आया। वहीं नगर मुख्यालय सहित क्षेत्र में पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात किया गया था जिसके कारण अब तक किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना प्राप्त नही हुई है। वहीं क्षेत्र में चहूंओर सार्वजनिक गणेश उत्सव समितियों के द्वारा बैंडबाजों की धुन पर जुलूस निकालकर नाचते-झूमते हुए गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ, एक दो तीन चार गणेश जी की जय जयकार सहित अन्य जयकारे व गणेश जी के भक्तिमय गीतों के साथ विसर्जन स्थल पहुंचकर आरती पश्चात विसर्जन किया गया।