Transgender Identity Card: गुजरात में ट्रांसजेंडर्स को नई पहचान देने की कवायद जारी है। यहां अलीश पटेल को सरकार ने ट्रांसजेंडर पहचान कार्ड जारी किया है। बकौल अलीश पटेल, जेंडर डिस्फोरिया का पता चलने के बाद परिवर्तन प्रक्रिया में मुझे 3 साल लगे और मुझे 8 लाख रुपये खर्च करने पड़े। मैं अब एक महिला के रूप में अपना जीवन खुशी से जी रही हूं। मेरे परिवार ने बिना किसी आपत्ति के मेरा पूरा साथ दिया। शुरुआत में लोगों में कुछ आशंकाएं थीं, लेकिन मैं उन सब से बच गई हूं। (नीचे देखिए तस्वीरें)
इससे पहले पिछले हफ्ते राजकोट के जिला कलेक्टर अरुण महेश बाबू ने चिराग मकवाना उर्फ चार्मी को एक ट्रांसजेंडर के रूप में प्रमाणित किया था और कार्ड जार किया था। यह राजकोट का पहला मामला था। चिराग को सभी आधिकारिक दस्तावेजों में अपना नाम और लिंग बदलने का अधिकार देते हुए प्रमाण पत्र सौंपा गया। चिराग ने ग्यारहवीं कक्षा तक पढ़ाई की है और फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई करना चाहता है और अंत में एक फैशन डिजाइनर बनना चाहता है।
जयंती मकवाना के परिवार में चिराग उर्फ चार्मी का जन्म हुआ था। जब वह 12 वर्ष का हुआ, तो चिराग के परिवार ने देखा कि उसके शरीर में सामान्य रूप से एक लड़की के शरीर से जुड़े परिवर्तन होने लगे थे। उनके पिता ने एक साल के लिए उनके बेटे के इलाज करवाया, लेकिन डॉक्टरों ने पिता को बताया कि चिराग एक ट्रांसजेंडर थे, लेकिन उन्हें छोड़ दिया गया।